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नौसेना का ‘निस्तार’ पहुंचा चांगी नेवल बेस, साउथ चाइना सी में करेगा सैन्य अभ्यास

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नई दिल्ली, 15 सितंबर (khabarwala24)। भारतीय नौसेना का नवीनतम डाइविंग सपोर्ट वेसल आईएनएस निस्तार साउथ चाइना सी में होने वाले सैन्य अभ्यास में शामिल होने जा रहा है। आईएनएस निस्तार अपनी पहली विदेशी यात्रा के तहत सिंगापुर के चांगी नेवल बेस पर पहुंच चुका है।

यह समुद्री जहाज स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित है। सिंगापुर के चांगी नेवल बेस पर मौजूद यह भारतीय नौसेनिक पोत अब यहां बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘पैसिफिक रीच 2025 (एक्सपीआर-25)’ में हिस्सा लेगा। यह सैन्य अभ्यास सोमवार 15 सितंबर से हो होने जा रहा है। 2018-19 में दो डीएसआरवी निस्तार (पूर्वी और पश्चिमी तट के लिए) के शामिल होने के बाद, भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में आ गया है जिनके पास डेडिकेटेड पनडुब्बी बचाव प्रणाली है।

यह प्रणाली 650 मीटर गहराई तक बचाव कार्य करने में सक्षम है। पैसिफिक रीच 2025 का आयोजन सिंगापुर द्वारा किया जा रहा है, जिसमें 40 से अधिक देश सीधे प्रतिभागी या पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे। यह अभ्यास दो चरणों में होगा; इनमें से एक हार्बर फेज है और दूसरा सी फेज।

हार्बर फेज एक सप्ताह तक चलेगा। इसमें पनडुब्बी बचाव प्रणाली पर गहन चर्चा होगी। साथ ही सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट एक्सचेंज, मेडिकल सिम्पोजियम तथा प्रतिभागी देशों के बीच क्रॉस डेक विजिट भी इसमें शामिल होंगे। वहीं सी फेज में आईएनएस निस्तार अन्य देशों के साथ मिलकर अनेक इंटरवेंशन और रेस्क्यू ऑपरेशन का अभ्यास करेगा। इस बहुपक्षीय युद्धाभ्यास का उद्देश्य विभिन्न देशों द्वारा संचालित पनडुब्बी बचाव प्लेटफॉर्म और साधनों को एक मंच पर लाना, प्रक्रियाओं को सरल बनाना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना और आपसी इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाना है।

आईएनएस निस्तार ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के कमांड और नियंत्रण में है। इस समुद्री जहाज को 18 जुलाई 2025 को नौसेना में कमीशन किया गया था। आईएनएस निस्तार भारत की आत्मनिर्भरता और शिपबिल्डिंग क्षेत्र में उपलब्धियों का प्रतीक है। इसमें 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरण और तकनीक का प्रयोग हुआ है। जहाज में साइड स्कैन सोनार, वर्क व ऑब्जर्वेशन क्लास आरओवी तथा उन्नत डीप सी डाइविंग सिस्टम लगे हैं।

यह जहाज गहरे समुद्र में सबमरीन रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए डीप रेस्क्यू व्हीकल के रूप में कार्य करेगा। आवश्यकता पड़ने पर इन्हें वेसल्स ऑफ अपॉर्च्युनिटी पर तैनात किया जा सकता है। यही नहीं, हवाई मार्ग से किसी भी तट पर भेजकर दूर समुद्रों में इनकी तैनाती की जा सकती है। अभ्यास के समुद्री चरण में आईएनएस निस्तार और एसआरयू (ईस्ट) दक्षिण चीन सागर में सहभागी देशों की नौसैनिक इकाइयों के साथ मिलकर कई हस्तक्षेप एवं बचाव अभियानों का अभ्यास करेंगे।

–khabarwala24

जीसीबी/एएस

Source : IANS

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