संयुक्त राष्ट्र, 15 अक्टूबर (khabarwala24)। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि युद्धविराम के बाद से गाजा में राहत अभियान तेज हो रहे हैं। हालांकि, इस बीच इजरायल ने राहत सामग्री से भरे ट्रकों की संख्या पर नई सीमा तय कर दी है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, रविवार को इजराइली अधिकारियों ने 817 राहत ट्रकों को गाजा में प्रवेश की अनुमति दी। सोमवार के आंकड़े अभी नहीं मिले हैं और और मंगलवार को कोई राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बताया गया कि सोमवार को आए कुछ ट्रक अब भी सीमा चौकियों पर खड़े हैं और उन्हें गाजा के भीतर वितरण के लिए नहीं ले जाया गया है।
ओसीएचए की प्रवक्ता ओल्गा चेरेवको ने कहा कि इजरायल ने घोषणा की है कि अब रोजाना केवल 300 राहत ट्रकों को ही गाजा में जाने दिया जाएगा, क्योंकि हमास ने मृत बंधकों के शव अभी तक नहीं सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र दोनों पक्षों से युद्धविराम समझौते का पालन करने की अपील कर रहा है और आशा है कि बंधकों के शव जल्द सौंपे जाएँ ताकि शांति बनी रहे।
संयुक्त राष्ट्र की टीम गाजा के उन इलाकों में पहुँच रही है जो पहले युद्ध के कारण बंद थे। मंगलवार को एक टीम ने खान यूनिस के अल-कतीबा इलाके का दौरा किया, जहां बड़ी तबाही देखी गई। सड़कों पर मलबा फैला हुआ था और राहत एजेंसियां मुख्य सड़कों को साफ करने में जुटी हैं ताकि लोगों की आवाजाही और राहत पहुँचाने का काम आसान हो सके।
कार्यालय ने कहा कि युद्ध से पहले इस इलाके में लगभग 17,000 लोग रहते थे। अब लोग अपने टूटे घरों के पास अस्थायी आवास बनाकर वापस बसना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि सड़कों की सफाई, जमीन समतल करना, पानी की व्यवस्था और अस्थायी आश्रय मिलना ही उनके लौटने की पहली ज़रूरत है।
ओसीएचए ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी संगठन अगले 60 दिनों में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाने की योजना पर काम कर रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि युद्धविराम के 24 घंटे के भीतर गाजा सिटी के अल-अहली अस्पताल में एक आपात चिकित्सीय दल पहुंचाया गया। साथ ही आठ ट्रक दवाइयाँ, इंसुलिन और लैब सामग्री लेकर ग़ाज़ा पहुँचे।
ग़ाज़ा के दीर अल-बलाह क्षेत्र में एक जल शुद्धिकरण इकाई के लिए सौर पैनल लगाया गया है और संचार व्यवस्था सुधारने के लिए नया उपकरण भी लगाया गया है। सीमा तक जाने वाली सड़कों से मलबा हटाने का काम भी जारी है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के उप-प्रवक्ता फरहान हक ने बताया कि गाजा में अब भी कई बिना फटे बम और गोले पड़े हैं, जो लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। युद्धविराम के बाद जब हजारों विस्थापित लोग और राहतकर्मी इन इलाकों में घूमते हैं, तो इनके फटने का खतरा बना रहता है।
प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की टीम बच्चों और राहतकर्मियों को ऐसे बमों से सावधान रहने की ट्रेनिंग दे रही है। विशेषज्ञ टीमें सड़कों और इमारतों के मलबे की जांच कर रही हैं ताकि यह तय किया जा सके कि कौन-से इलाके सुरक्षित हैं। ये कदम ग़ाज़ा में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ाने के लिए बहुत ज़रूरी हैं।
Source : IANS
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