न्यूयॉर्क, 17 अक्टूबर (khabarwala24)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, इस मुलाकात से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को सुधारने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि वह रिपब्लिकन नेताओं से मॉस्को से तेल खरीदने वाले देशों पर कठोर दंड लगाने वाले विधेयक पर रोक लगाने का अनुरोध कर रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “सीनेट में रिपब्लिकन नेता जॉन थुन की ओर से प्रस्तावित 500 प्रतिशत दंडात्मक टैरिफ वाले विधेयक के लिए यह सही समय नहीं है।” उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं उनसे (जॉन थुन) और सदन के अध्यक्ष माइक जॉनसन से बात करूंगा और उन्हें इस बारे में बताऊंगा। हम सही निर्णय लेंगे, क्योंकि उन्हें यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए पुतिन के साथ उनके राजनयिक संबंधों के बारे में पता नहीं था।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात करने के बाद यह बयान दिया। हालांकि, इससे पहले रिपब्लिकन नेता जॉन थुन ने कहा था कि रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने वाले विधेयक पर आगे बढ़ने का समय आ गया है। बता दें कि यह राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ से कई गुना ज्यादा है।
जॉन थुन ने बताया कि यह प्रस्तावित कानून सीनेटर लिंडसे ग्राहम के साथ मिलकर तैयार किया गया और इसे दोनों पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।
लिंडसे ग्राहम के अनुसार, 84 सीनेटर और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के 100 सदस्य इस बिल के पक्ष में हैं।
प्रस्तावित विधेयक राष्ट्रपति ट्रंप को इसके कार्यान्वयन पर विवेकाधिकार देता है, लेकिन इसे सभी देशों पर समान रूप से लागू किया जाना था।
अगर ऐसा किया जाता, तो इसका वाशिंगटन की कूटनीति पर गंभीर प्रभाव पड़ता क्योंकि चीन और तुर्की की तरह यूरोपीय संघ भी रूस से ऊर्जा आयात करता है। यहां तक कि अमेरिका का खुद का रूस के साथ 5.2 अरब डॉलर का व्यापार था, जिसमें 2.4 अरब डॉलर का घाटा शामिल है।
बुडापेस्ट में अगले दो हफ्तों में व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली बैठक के बारे में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “देखते हैं क्या होता है।”
उन्होंने कहा, “यह बैठक इतनी सकारात्मक हो सकती है कि हम शांति हासिल कर लें। हम शांति चाहते हैं।”
व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए नई उम्मीद जताई। अगस्त में अलास्का में हुई उनकी शिखर वार्ता में कोई प्रगति न होने के बाद पुतिन और ट्रंप ने फिर से मिलने पर सहमति जताई थी।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर दंडात्मक शुल्क सिर्फ भारत पर लगाया है, जबकि अन्य देशों को इससे छूट दी गई। ट्रंप ने बुधवार को दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिया है कि वह रूस से तेल की खरीद बंद कर देंगे।
हालांकि, भारत ने इस तरह की किसी बातचीत या आश्वासन की पुष्टि नहीं की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “मौजूदा अमेरिकी प्रशासन भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहराई देने में रुचि रखता है और इस दिशा में बातचीत जारी है।”
Source : IANS
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