वाशिंगटन, 18 नवंबर (khabarwala24)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एच-वन-बी वीजा का समर्थन किया है। उनका कहना है कि विदेशों से आने वाले कामगार जरूरी हैं, क्योंकि वे अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षित करते हैं।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि अब अमेरिका में बहुत कम चिप्स बनती हैं, लेकिन आने वाले एक वर्ष में अमेरिका फिर से बड़े स्तर पर चिप निर्माण करेगा। इसके लिए अमेरिकी लोगों को फिर से चिप बनाना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि पहले अमेरिका यह काम करता था, परन्तु गलती से यह उद्योग ताइवान के हाथों गंवा दिया।
पिछले हफ़्ते, ट्रंप ने फ़ॉक्स न्यूज़ की लॉरा इंग्राहम के साथ एक साक्षात्कार में एच-1बी वीजा कार्यक्रम का समर्थन किया था। जब पूछा गया कि क्या उनकी सरकार इस वीज़ा को कम महत्त्व देगी, तो ट्रंप ने कहा, हमें बाहर से प्रतिभाशाली लोग लाने ही पड़ेंगे। आपके पास कुछ ख़ास तरह की प्रतिभा नहीं है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी पंक्ति में खड़े लोगों को अचानक मिसाइल बनाने वाले कारखाने में नहीं लगाया जा सकता, इसके लिए विशेष कौशल चाहिए।
ट्रंप के इस बयान के बाद कई रिपब्लिकन नेताओं ने एच-वन-बी कार्यक्रम बंद करने की मांग शुरू कर दी। इसके बाद व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि वीज़ा आवेदन पर एक लाख डॉलर की नई फीस व्यवस्था की गड़बड़ियों को रोकने के लिए पहला बड़ा कदम है।
khabarwala24 को दिए एक विशेष जवाब में, व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “आधुनिक इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति से ज़्यादा हमारे आव्रजन कानूनों को कड़ा करने और अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता देने के लिए काम किया है।”
प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने एच-1बी वीज़ा नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों की जांच के लिए हाल ही में शुरू किए गए “प्रोजेक्ट फ़ायरवॉल” पर भी प्रकाश डाला, जिसके तहत उन कंपनियों की जांच की जा रही है जो एच-वन-बी नियमों का उल्लंघन करती हैं।
वहीं, शुक्रवार को सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने फिर कहा कि वे चिकित्सकीय क्षेत्र को छोड़कर एच-वन-बी वीजा को सभी क्षेत्रों में प्रतिबंधित करने का विधेयक लाएंगी। उनके अनुसार इससे अमेरिकी लोगों को अधिक नौकरियां उपलब्ध होंगे और वे अपने घर भी खरीद पाएंगे।
बता दें कि सरकार की इस नीति के विरुद्ध कई मुकदमे भी दायर हुए हैं। 31 अक्टूबर को पांच अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को पत्र लिखकर इस वीजा पर लागू उनके आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, क्योंकि इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
साल 2024 में स्वीकृत कुल एच-वन-बी वीजाओं में से 70 प्रतिशत से अधिक भारत-जनित कामगारों को मिले, क्योंकि भारत से आने वाले उच्च कौशल वाले आवेदकों की संख्या बहुत अधिक है।
Source : IANS
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