संयुक्त राष्ट्र, 1 नवंबर (khabarwala24)। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने मांग की है कि पाकिस्तान ‘गंभीर’ मानवाधिकारों के हनन को बंद करे। भारत ने कहा कि पीओके में पाकिस्तान की सेनाएं लोगों के खुले विद्रोह को दबा रही हैं।
बता दें, वियतनामी समकक्ष के साथ भारतीय रक्षा मंत्री की यह बैठक 19वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम) से इतर और 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) से पहले हुई।
दोनों के बीच हुई इस बातचीत की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, “कुआलालंपुर में रक्षा मंत्री फान वान गियांग से मिलकर खुशी हुई।” दोनों मंत्रियों ने भारत और वियतनाम के बीच चल रहे रक्षा सहयोग की समीक्षा की और दोनों देशों के बीच रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया।
इससे पहले शुक्रवार को, उन्होंने कुआलालंपुर में मलेशिया के रक्षा मंत्री दातो सेरी मोहम्मद खालिद नॉर्डिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। दोनों नेताओं ने भारत-मलेशिया रक्षा साझेदारी को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
राजनाथ सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कुआलालंपुर में मलेशिया के रक्षा मंत्री दातो सेरी मोहम्मद खालिद नॉर्डिन के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। भारत-मलेशिया रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई।”
मलेशिया की अध्यक्षता में आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक का दूसरा संस्करण भी हो रहा है, जिसमें सभी आसियान सदस्य देशों के रक्षा मंत्री भाग लेंगे। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य आसियान सदस्य देशों और भारत के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करना और एक्ट ईस्ट नीति को आगे बढ़ाना है।
राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कुआलालंपुर में अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ से भी मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं ने 10 वर्षीय ‘अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा’ पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने में एक नए युग की शुरुआत हुई।
बैठक के बाद सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया, “कुआलालंपुर में अपने अमेरिकी समकक्ष, युद्ध सचिव पीट हेगसेथ के साथ एक उपयोगी बैठक हुई। हमने 10 वर्षीय ‘अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा’ पर हस्ताक्षर किए। यह हमारी पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत करेगा।”
पोस्ट में आगे कहा गया, “यह रक्षा रूपरेखा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के संपूर्ण आयाम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगी। यह हमारे बढ़ते रणनीतिक अभिसरण का संकेत है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगा।”
बता दें, राजनाथ सिंह 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (एडीएमएम-प्लस) में भाग लेने के लिए गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर मलेशिया पहुंचे। मलेशिया में भारत के उच्चायुक्त बी एन रेड्डी ने सुबांग एयरबेस पर सिंह का स्वागत किया।
Source : IANS
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