नीदरलैंड्स में मंकीपॉक्स का पहला मामला आया सामने, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की सतर्क रहने की अपील

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हेग, 22 अक्टूबर (khabarwala24)। नीदरलैंड में मंकीपॉक्स के एक नए और अधिक संक्रामक वेरिएंट का पहला मामला सामने आया है। इस बात की जानकारी देश के स्वास्थ्य, कल्याण और खेल मंत्री जान एंथोनी ब्रुइजन ने संसद को एक पत्र लिखकर दी।

उन्होंने बताया कि इस संक्रमण की पहचान 17 अक्टूबर को हुई थी और यह पहली बार है जब मंकीपॉक्स वेरिएंट 1बी की पुष्टि नीदरलैंड्स में हुई है।

मंत्री ने पत्र में कहा कि यूरोपीय रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (ईसीडीसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और इसे गंभीरता से ले रहे हैं। हालांकि, उन्होंने जनता को यह भी आश्वासन दिया कि इस वेरिएंट के और फैलने का खतरा अभी कम प्रतीत हो रहा है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रीय जनस्वास्थ्य और पर्यावरण संस्थान (आरआईवीएम) ने जानकारी दी है कि जिस व्यक्ति में यह संक्रमण पाया गया है, उसने मंकीपॉक्स का टीका नहीं लगवाया था और न ही उसने कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा की थी। इस बात से यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि यह संक्रमण देश के भीतर ही फैला है।

संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा गया है और स्थानीय स्वास्थ्य विभाग उसकी ट्रैवल हिस्ट्री, संपर्क में आए लोगों और संक्रमण के स्रोत की जांच कर रहा है।

बता दें कि मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से त्वचा से त्वचा के नजदीकी संपर्क से फैलती है। इसके लक्षणों में बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, शरीर पर दाने और पीठ दर्द शामिल होते हैं।

आरआईवीएम के अनुसार, यह वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे शारीरिक संपर्क में आने से फैलता है। यह संपर्क त्वचा से त्वचा, मुंह से मुंह या मुंह से त्वचा के बीच हो सकता है। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के करीब जाकर बातचीत करता है, तो उससे भी यह वायरस फैल सकता है क्योंकि इससे संक्रमित कण हवा में फैल सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों के एक से अधिक यौन साथी होते हैं, उनमें मंकीपॉक्स होने का खतरा अधिक होता है। यह वायरस संक्रमित कपड़ों, बिस्तर की चादरों, तौलियों, या इस्तेमाल किए गए सामान के जरिए भी फैल सकता है। अस्पतालों में यदि सावधानी न बरती जाए तो सुई लगने से भी यह संक्रमण फैल सकता है। टैटू पार्लर जैसी जगहों पर भी जहां त्वचा से जुड़ी प्रक्रियाएं होती हैं, वहां यह वायरस फैल सकता है अगर साफ-सफाई का पूरा ध्यान न रखा जाए।

गर्भवती महिलाओं के लिए यह संक्रमण विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। अगर गर्भावस्था के दौरान मंकीपॉक्स हो जाए, तो यह वायरस गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंच सकता है। इससे गर्भपात, मृत शिशु का जन्म, नवजात की मौत, या मां-बच्चे दोनों में जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि अलग-अलग देशों और स्थितियों में मंकीपॉक्स कैसे फैलता है, इसे लेकर और अध्ययन की जरूरत है। इससे भविष्य में संक्रमण की रोकथाम के लिए बेहतर रणनीति बनाई जा सकेगी।

Source : IANS

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