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बीएनपी ने जमात पर लगाए गंभीर आरोप, बांग्लादेश के आम चुनाव में बाधा डालने की जताई आशंका

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ढाका, 21 सितंबर (khabarwala24)। बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने आम चुनावों में देरी की आशंका जताई है। बीएनपी ने आरोप लगाया है कि कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी सड़क पर प्रदर्शनों समेत अन्य गतिविधियों से अगले साल होने वाले आम चुनाव में बाधा डालने की कोशिश कर रही है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक शनिवार को ढाका में आयोजित एक युवा संवाद में बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने जमात पर सवाल दागा।

उन्होंने पूछा कि अगर उसे सत्ता में वापसी का इतना भरोसा है तो वह चुनाव में बाधा डालने की कोशिश क्यों कर रही है।

प्रमुख बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने बीएनपी नेता के हवाले से कहा, “शुक्रवार को देशभर में जमात और अन्य दलों की कुछ रैलियां हुईं। जमात नेताओं ने दावा किया है कि वे सरकार बनाएंगे, जबकि बीएनपी विपक्ष में बैठेगी, लेकिन इसका फैसला करता कौन है? आप करते हैं या जनता? अगर आपको चुनाव में अपनी जीत पर इतना भरोसा है तो आप चुनाव में बाधा डालने के लिए एक के बाद एक बहाने बनाने के बजाय उसमें शामिल क्यों नहीं होते?”

सलाहुद्दीन अहमद ने जातीय पार्टी और 14 दलों के गठबंधन पर प्रतिबंध लगाने की मांग के लिए भी जमात की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बीएनपी जानती है कि जमात का असली मकसद राष्ट्रीय चुनावों को पटरी से उतारना है।

बीएनपी नेता ने जमात के ‘दोहरे मानदंडों’ की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि जनता देख रही है कि आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली लागू करने, 14 दलों के गठबंधन और जातीय पार्टी पर प्रतिबंध लगाने सहित कई मांगों के लिए एक साथ चल रहे आंदोलन में उसने किस समूह का साथ दिया है।

सलाहुद्दीन ने कहा कि मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा है और किसी भी पार्टी को लोकतांत्रिक तरीकों से ही अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने का अधिकार है। हम कहते रहे हैं कि ये मुद्दे अब भी बातचीत की मेज पर सुलझने का इंतजार कर रहे हैं तो क्या आप अतिरिक्त दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं?

जमात पर निशाना साधते हुए बीएनपी नेता ने कहा, “अगर आप ऐसा करते हैं तो हमें भी इसका मुकाबला करने के लिए सड़कों पर उतरना होगा। क्या हम यही चाहते हैं?”

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ये मुद्दे बातचीत की मेज पर सुलझें।

इससे पहले गुरुवार को बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने जमात सहित कई कट्टरपंथी इस्लामी दलों के प्रदर्शनों की आलोचना की थी।

उन्होंने कहा था कि चुनाव में जनप्रतिनिधित्व प्रणाली लागू करने जैसी मांगों पर जोर देना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

Source : IANS

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