Khabarwala24 News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने तकनीकी शिक्षा को नई दिशा और पहचान देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने प्रदेश के पांच राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के नाम बदलने का फैसला किया है, जिसे राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का उद्देश्य न केवल तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना है, बल्कि छात्रों को देश के महान व्यक्तित्वों और सांस्कृतिक विरासत से जोड़कर उन्हें प्रेरित करना भी है।
इन कॉलेजों के नाम बदले गए
प्रदेश के पांच इंजीनियरिंग कॉलेज, जो प्रतापगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, गोण्डा और मैनपुरी में स्थित हैं, अब नए नामों से जाने जाएंगे। इन कॉलेजों के नाम उन महान हस्तियों और देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए हैं, जिन्होंने देश और समाज के लिए अविस्मरणीय योगदान दिया है। शासन के प्राविधिक शिक्षा अनुभाग-1 ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया है, जिसे राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान की है।
- प्रतापगढ़ बाबा साहब के नाम पर कॉलेज: प्रतापगढ़ का राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अब भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम से जाना जाएगा। बाबा साहब, जिन्हें भारतीय संविधान का निर्माता और सामाजिक न्याय का प्रतीक माना जाता है, उनके नाम से यह कॉलेज छात्रों को सामाजिक समानता और शिक्षा के महत्व को समझाने में प्रेरणा देगा।
- मिर्जापुर: सम्राट अशोक की विरासत: मिर्जापुर का इंजीनियरिंग कॉलेज अब सम्राट अशोक के नाम पर होगा। सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म और शांति का संदेश पूरी दुनिया में फैलाया। उनके नाम से यह कॉलेज न केवल तकनीकी शिक्षा का केंद्र होगा, बल्कि अहिंसा और नैतिकता जैसे मूल्यों को भी बढ़ावा देगा।
- बस्ती: सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम: बस्ती का इंजीनियरिंग कॉलेज अब भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से जाना जाएगा। सरदार पटेल को देश की एकता का शिल्पकार कहा जाता है, जिन्होंने स्वतंत्र भारत को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह नामकरण छात्रों में राष्ट्रप्रेम और एकता की भावना को प्रेरित करेगा।
- गोण्डा: माँ पाटेश्वरी देवी की कृपा: गोण्डा का राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अब माँ पाटेश्वरी देवी के नाम पर होगा। माँ पाटेश्वरी स्थानीय लोक आस्था की प्रमुख देवी हैं और इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं। इस नाम से कॉलेज को स्थानीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से जोड़ा जाएगा।
- मैनपुरी: लोकमाता अहिल्या बाई के नाम: मैनपुरी का इंजीनियरिंग कॉलेज अब लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के नाम से जाना जाएगा। अहिल्या बाई अपने न्यायप्रिय शासन और जनसेवा के लिए प्रसिद्ध थीं। उनके नाम से यह कॉलेज छात्रों में नेतृत्व और सामाजिक सेवा की भावना को प्रोत्साहित करेगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने क्यों लिया गया यह फैसला?
योगी सरकार का मानना है कि इन नए नामों से न केवल कॉलेजों की पहचान मजबूत होगी, बल्कि छात्रों को देश के गौरवशाली इतिहास और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों से जोड़ने का अवसर भी मिलेगा। यह कदम तकनीकी शिक्षा को और अधिक meaningful बनाने की दिशा में उठाया गया है। सरकार का कहना है कि इन महान हस्तियों के नाम पर कॉलेज होने से छात्रों में nation building, सामाजिक सेवा और नैतिक मूल्यों के प्रति भावनात्मक जुड़ाव बढ़ेगा।
कब और कैसे हुआ यह निर्णय?
प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष कुमार पटेल ने 21 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बदलाव का प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद विशेष सचिव विनोद कुमार ने आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह कदम तकनीकी शिक्षा की गरिमा को बढ़ाने और इन संस्थानों को inspiration का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देकर इसे अंतिम रूप प्रदान किया।
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