Khabawala24 News: रामपुर (Rampur) की एमपी-एमएलए कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड बनाने के मामले में दोषी ठहराते हुए सात-सात साल की सजा सुना दी है। फैसला सुनते ही कोर्ट रूम में सन्नाटा छा गया और दोनों पिता-पुत्र भावुक हो गए। जेल भेजे जाने से पहले बड़े बेटे अदीब आजम ने पिता का गाल चूमा और छोटे भाई अब्दुल्ला को गले लगा लिया। ये दृश्य देखकर कोर्ट में मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं।
कोर्ट ने सुनाई सात साल की सजा (Rampur News)
मंगलवार दोपहर रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में जज शोभित बंसल ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया। इसके कुछ देर बाद सजा का ऐलान हुआ – दोनों को 7 साल कैद और 50-50 हजार रुपये जुर्माना। फैसला आते ही दोनों को तुरंत न्यायिक हिरासत में लेकर रामपुर जिला जेल भेज दिया गया। ये मामला साल 2019 का है जब रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम पर दो अलग-अलग जन्म तिथि वाले बर्थ सर्टिफिकेट बनाने का आरोप लगाया था।
दो जन्म प्रमाण पत्र का पूरा मामला क्या है? (Rampur News)
अब्दुल्ला आजम के एक जन्म प्रमाण पत्र में तारीख 30 सितंबर 1990 और दूसरे में 1 जनवरी 1993 लिखी हुई थी। एक सर्टिफिकेट लखनऊ नगर निगम से बना था तो दूसरा रामपुर नगर पालिका से। इसी तरह दो पैन कार्ड भी बनवाए गए थे। आरोप था कि 2017 में विधायक बनने के लिए उम्र पूरी दिखाने के लिए गलत जन्म तिथि का इस्तेमाल किया गया। उस समय न्यूनतम उम्र 25 साल चाहिए थी, लेकिन असली तारीख के हिसाब से अब्दुल्ला कम उम्र के थे।
पहले भी जा चुकी है अब्दुल्ला की विधायकी (Rampur News)
2017 में स्वार तांडा सीट से अब्दुल्ला आजम विधायक बने थे, लेकिन बसपा नेता नवाब काजिम अली ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी रद्द कर दी। सुप्रीम कोर्ट भी यही फैसला रखा। 2022 में दोबारा स्वार सीट से जीते, लेकिन एक दूसरे मामले में 2 साल की सजा होने से फिर विधायकी चली गई।
आजम खान का राजनीतिक सफर (Rampur News)
आजम खान रामपुर से 10 बार विधायक रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में चार बार मंत्री बने। 2019 में रामपुर लोकसभा सीट भी जीती थी और एक बार राज्यसभा सदस्य भी रहे। सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और मुलायम सिंह यादव के बहुत करीबी माने जाते थे।
कोर्ट रूम में भावुक पल
फैसला सुनते ही आजम खान और अब्दुल्ला एक-दूसरे को देखते रह गए। चेहरे पर टेंशन साफ दिख रहा था। जैसे ही जेल भेजने का आदेश हुआ, बड़ा बेटा अदीब आगे बढ़ा। उसने पहले पिता आजम खान का गाल चूमा फिर भाई अब्दुल्ला को सीने से लगा लिया। तीनों की आंखों से आंसू छलक पड़े। कोर्ट में मौजूद लोग भी भावुक हो गए।
आकाश सक्सेना बोले – न्याय की जीत
वादी और भाजपा विधायक आकाश सक्सेना कोर्ट में मौजूद थे। बाहर निकलकर उन्होंने कहा, “ये सत्य और न्याय की जीत है। आजम खान साहब ने वर्षों तक कानून का उल्लंघन किया, आज कानून ने अपना काम किया।” उन्होंने कहा कि अब्दुल्ला ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर जनता को धोखा दिया था।
बाहर आकर आजम खान ने क्या कहा?
जेल भेजे जाने से पहले मीडिया ने जब आजम खान से सवाल किया तो वे बहुत शांत थे। बस इतना कहा – “कोर्ट ने हमें गुनहगार समझा और सजा सुना दी। अब इस पर कुछ नहीं कहना। ये अदालत का फैसला है।” उनकी आवाज में दर्द साफ झलक रहा था।
अब क्या होगा?
सात साल की सजा होने की वजह से आजम खान की लोकसभा सदस्यता भी खतरे में पड़ गई है। कानून के मुताबिक दो साल से ज्यादा सजा होने पर सदस्यता अपने आप चली जाती है। फिलहाल दोनों पिता-पुत्र रामपुर जिला जेल में बंद हैं। उनके वकील हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं। ये मामला उत्तर प्रदेश की सियासत में काफी चर्चा में रहा है। एक तरफ सपा इसे राजनीतिक साजिश बता रही है तो दूसरी तरफ भाजपा इसे कानून की जीत मान रही है। आने वाले दिनों में देखना होगा कि हाईकोर्ट में क्या होता है।
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