UPPCL उत्तर प्रदेश में बिजली दरें अगले सप्ताह जारी, बढ़ोतरी की संभावना नहीं, 6 साल का रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद

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Khabarwala 24 News Lucknow: UPPCL उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। राज्य विद्युत नियामक आयोग (UPERC) अगले सप्ताह नई बिजली दरें जारी कर सकता है, और उम्मीद है कि इस वर्ष भी दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। यदि ऐसा होता है, तो उत्तर प्रदेश छह साल से बिजली दरें न बढ़ाने का नया रिकॉर्ड कायम कर लेगा। पावर कॉर्पोरेशन ने विभिन्न निगमों की ओर से करीब 24,022 करोड़ रुपये के घाटे का हवाला देकर 28 से 45 फीसदी तक दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन जन सुनवाई के बाद आयोग ने इसे खारिज कर दिया है।

सरप्लस से बढ़ोतरी की गुंजाइश खत्म (UPPCL)

प्रदेश की बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का पहले से ही करीब 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस (अधिशेष) चल रहा है, जो इस वर्ष 1,944 करोड़ रुपये और बढ़कर कुल 35,066 करोड़ हो गया है। आयोग ने निगमों के 11,203 करोड़ के प्रस्तावित घाटे को भी अस्वीकार कर दिया। इस सरप्लस को लौटाने के लिए दरें बढ़ाने की बजाय उपभोक्ताओं को राहत देने की मांग की जा रही है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने स्पष्ट कहा है कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

उपभोक्ता परिषद की प्रमुख मांगें (UPPCL)

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने जन सुनवाई में आंकड़ों और विधिक राय के साथ लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल किया। प्रमुख मांगें:

प्रस्तावित बढ़ोतरी तत्काल रोकी जाए और सरप्लस के आधार पर दरों में कमी की जाए।

ट्रू-अप और वित्तीय आंकड़ों की स्वतंत्र, निष्पक्ष जांच हो।

निजीकरण प्रस्ताव को आंकड़े स्पष्ट होने तक स्थगित रखा जाए।

भ्रामक आंकड़े पेश करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो।

ऊर्जा मंत्री की बैठक में मंथन (UPPCL)

शुक्रवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की अध्यक्षता में ऊर्जा विभाग की उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें पावर कॉर्पोरेशन और अन्य अधिकारी शामिल थे। बैठक में बिजली व्यवस्था सुधार, आय-व्यय, परियोजनाओं के खर्च और नए टैरिफ पर चर्चा हुई। मंत्री ने निगमों के तर्कों के साथ उपभोक्ता भार पर विचार करने के निर्देश दिए। निजीकरण प्रक्रिया और भविष्य की रणनीति पर भी विचार-विमर्श हुआ। सूत्रों के अनुसार, सरकार उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देगी।

यह फैसला 3.45 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगा, खासकर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए जहां अधिकतम दर 6.50 रुपये प्रति यूनिट (शहरी) और 5.50 रुपये (ग्रामीण) बनी रहेगी। आयोग ने बिजली चोरी रोकने और आपूर्ति सुधार पर भी जोर दिया है।
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