wheat flour News khabarwala24News New Delhi:केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए 15 साल में पहली बार इसके स्टॉक पर लिमिट (भंडारण सीमा) लगा दी है। तत्काल प्रभाव से लगाई गई यह लिमिट 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी। इसका मतलब है कि व्यापारी अब निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक नहीं रख पाएंगे। गेहूं व्यापारियों/थोक विक्रेताओं पर 3000 टन की स्टॉक सीमा लगाई गई है।
खुदरा विक्रेताओं पर यह सीमा 10 टन, बड़ी रिटेल चेन के प्रत्येक सेलिंग पॉइंट के लिए 10 टन और उनके सभी डिपो पर 3000 टन की स्टॉक रखने की सीमा तय की गई है। गेहूं को प्रोसेस करने वाली इकाइयों के लिए इसे पहले से निर्धारित सीमा का 75 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि उसकी गेहूं आयात नीति में बदलाव की कोई योजना नहीं है क्योंकि देश के पास इस खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक है।
सरकार ने कहा है कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा और फिलहाल चीनी के निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछली बार स्टॉक लिमिट वर्ष 2008 में लगाई गई थी। खाद्य सचिव ने सोमवार को स्टॉक लिमिट की जानकारी दी। केंद्र सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (Omss) के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है ।गेहूं के अलावा ओएमएसएस के तहत थोक खरीदारों को चावल की बिक्री की जाएगी और समय आने पर बिक्री की मात्रा तय की जाएगी।
नियमित जानकारी देनी होगी
व्यापारियों को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर स्टॉक की स्थिति घोषित करने और नियमित रूप से उसे अद्यतन करने का निर्देश दिया गया है। यदि उनके पास स्टॉक की मात्रा, निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिन के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा। सचिव ने बताया कि कुछ लोग ज्यादा स्टॉक जमा कर जानबूझ कर अभाव की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
इससे पिछले महीने मंडी में गेहूं की कीमतें करीब 8 प्रतिशत बढ़ गई हैं। उल्लेखनीय गौरतलब है कि मंडी में गेहूं की कीमत सात जून को बढ़कर 2302 रुपये प्रति क्विंटल हो गई, जो एक महीने पहले 2129 रुपये प्रति क्विंटल थी। उन्होंने कहा कि थोक और खुदरा कीमतें अभी उतनी नहीं बढ़ी हैं लेकिन मंडी में भाव बढ़ रहा है तो कुछ दिन में यह आम लोगों तक भी पहुंच जाएगा। इसलिए लिमिट लगा दी गई है ताकि जरूरत से ज्यादा भंडारण न हो सके।
क्या कम होंगी कीमतें ?
गेहूं पर स्टॉक सीमा स्थानीय उपलब्धता में सुधार कैसे करेगी, सचिव ने कहा, जब कोई स्टॉक न हो और आप सीमा लगाते हैं तो यह बाजार में नहीं आएगा। जब सरकार और निजी क्षेत्र के पास स्टॉक की उपलब्धता हो, तो हमें उम्मीद है कि इन सीमा (स्टॉक लिमिट) का कीमतों को नियंत्रित करने में बहुत अधिक असर होगा। इसके अलावा सरकार ने गेहूं के आयात पर भी शुल्क कम नहीं करने का फैसला किया है। सचिव ने कहा कि आयात नीति में कोई बदलाव नहीं है। साथ ही गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय के तीसरे अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2022-23में घरेलू गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
















