CLOSE AD

तीन रंग का ये तिरंगा देश की मेरी आन बान शान है….

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

Khabarwala24 News HAPUR : लेखनी फाउंडेशन के तत्वावधान में यहां आवास विकास स्थित टैगोर शिक्षा सदन स्कूल में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डा. अनिल बाजपेई ने की तथा मंच संचालन कवयित्री पूजा अरोरा ने किया। कवि सम्मेलन की विशिष्ट अतिथि डा. आराधना बाजपेई,कृष्ण चंद्र पांडेय पवन जैन ने दीप प्रज्वलन करके समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में प्रतिभाशाली बच्चों को भी सम्मानित किया गया। मधु अरोरा,ललित,रेखा शर्मा,ने सभी अतिथियों एवं कवियों को पटका पहनाकर,एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

हरिद्वार से पधारी कवयित्री पूजा अरोरा ने पढ़ा,” तीन रंग का ये तिरंगा देश की मेरी आन बान शान है,इसके आंचल में लिपटा ये सारा हिन्दुस्तान है,” कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए डा. अनिल बाजपेई ने पढ़ा,” अपने जीवन में बसंत की बहार भर लें,कुछ ऐसी बात दो चार कर लें,भले हों कितने बाजार उदासियो के हर तरफ, आओ हम मौसमों को खुशगवार कर लें” डा आराधना बाजपेई ने पढ़ा, “क्यूं लोग कहते हैं नारी बेचारी अबला है,नहीं तेरे घर की रोशनी के लिए मेंने उसको जलते देखा है।” गाजियाबाद से आए युवा कवि वैभव शर्मा ने कविता से सभी का मन जीत लिया,उन्होंने पढ़ा,देख सुशासन यू पी में,हैं सबने मिलकर ठाना है,24में मोदी जी,29में योगी लाना है।

दिल्ली से पधारी कवयित्री पूनम माहेश्वरी ने पढ़ा,”फूलों से मैंने सीखा मुस्कुराना दोस्तो कांटो के बीच रहके खिलखिलाना दोस्तो,काली अंधेरी रात को जो चीर के निकले, मैं हूं वही पूनम का पूरा चांद दोस्तो। गाजियाबाद से पधारी कवयित्री रूपा राजपूत ने पढ़ा,दाता से यदि मुझको कुछ वरदान मिले।

Poet Anil Vajpayee reciting poetry
यही भूमि फिर, मुझे यही पहचान मिले। मनुज, विहग, खग, पादप जो भी रूप धरूँ। जनम-जनम तक केवल हिन्दुस्तान मिले। मेरठ से आए कवि अनुभव शर्मा ने पढ़ा,सपना सलोना टूट जाता हैं,हाथों से रिश्ता छूट जाता हैं,जान निकल जाती है सच में,जब कोई अपना रूठ जाता है।
गाजियाबाद से आए कवि नवनीत शर्मा ने पढ़ा,”चलो फिर आज दुनिया की नई सीरत बनाते हैं धरा पर प्रेम औ सद्भाव का इक सूरज उगाते हैं, न हो सरहद कोई न हो कोई तकरार की बातें, अनोखे इस जहाँ का फिर कोई नक्शा बनाते हैं।”

मोदीनगर के कवि जलज ने पढ़ा, “प्यार ने तेरे हमें अंधा बना दिया। शादी के बाद तूने शिकंजा जमा दिया। अर्धांगिनी का फ़र्ज़ बख़ूबी निभा रही। लाज़वाब बाल थे गंजा बना दिया।” विकास त्यागी ने पढ़ा,”चारों ओर नफरतों का वो समंदर आ गया देखा ना जाए आँखों में वो मंजर आ गया
तुमने देखा अब हमने भी ये देख लिया प्यार की बाते की हाथो में खंजर आ गया”विशिष्ट अतिथि कृष्ण चन्द पांडे ने कहा कवि की लेखनी से जग आलोकित होता है,समाज में फैली विद्रूपताओं को एक कवि अपनी रचना में डालकर समाज को आइना दिखाने का कार्य करता है। अतिथि पवन जैन ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि लेखनी फाउंडेशन अपने उद्देश्यों को पूरा करते हुए नित नूतन आयाम स्पर्श करेगी।

इनका सहयोग रहा

प्रधाचार्य विपिन शर्मा,जितेंद्र सिंह,ललित,मीनाक्षी मुथरेजा,रेखा शर्मा,नूतन,पिंकी,सचिन त्यागी,आकाश भारद्वाज,सुमित मुठरेजा वीरेंद्र मुठरेजा,नैना मुठरेजा का सहयोग सराहनीय रहा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Post

Breaking News