Khabarwala 24 News Hapur: मोनाड विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने के बड़े घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद जिलाधिकारी और एसपी ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर विश्वविद्यालय की मान्यता और पंजीकरण रद्द करने की सिफारिश की है। उत्तर प्रदेश की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की जांच में विश्वविद्यालय के परिसर से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और सामग्री बरामद की गई थी। विश्वविद्यालय के चेयरमैन समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एसटीएफ ने की थी कार्रवाई
पत्र में बताया गया कि क्षेत्राधिकारी, पिलखुवा के अनुसार, एसटीएफ को पूर्व में शिकायत मिली थी कि मोनाड विश्वविद्यालय में विभिन्न कोर्सों की फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट बनाई जा रही हैं। एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक संजीव कुमार दीक्षित के नेतृत्व में एसटीएफ ने जांच शुरू की। विश्वविद्यालय परिसर की तलाशी में 1372 फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां, 262 फर्जी प्रोविजनल और माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 14 मोबाइल फोन, 1 आईपैड, 7 लैपटॉप, 6 लाख 54 हजार 800 रुपये नकद, 26 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, 6 आधार कार्ड, 1 सफारी कार और 35 लग्जरी गाड़ियों की चाबियां बरामद की गईं।

दस लोग किए जा चुके हैं गिरफ्तार
इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें विश्वविद्यालय के चेयरमैन चौधरी विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र सिंह हुड्डा, प्रो-चांसलर नितिन कुमार सिंह, पीए टू चैयरमैन गौरव शर्मा, एडमिसन डायरेक्टर इमरान, एकाउंटेंट अनिल बत्रा, हेड आॅफ वेरिफिकेशन डिपार्टमेंट विपुल ताल्यान, कुलदीप, सनी कश्यप, संदीप कुमार उर्फ संदीप सहरावत
को गिरफ्तार किया था।
पिलखुवा पुलिस कर रही मामले की जांच
इस मामले की जांच थाना पिलखुवा में तैनात अतिरिक्त निरीक्षक सुधीर कुमार द्वारा की जा रही है। क्षेत्राधिकारी, पिलखुवा ने विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाने की गतिविधियों के चलते इसकी मान्यता और पंजीकरण रद्द करने की सिफारिश की है। जिस पर डीएम, एसपी ने अपनी संस्तुति कर प्रमुख सचिव को भेजा है।