Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन

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Ramleela Khabarwala 24 Hapur News: श्री रामलीला समिति रजिस्टर्ड द्वारा श्री रामलीला मैदान के मुख्य द्वार श्री राम द्वार का बृहस्पतिवार को भव्य उद्घाटन समारोह विधिवत पूजा करके फीता काटकर आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि मेरठ-हापुड़ लोकसभा सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विशिष्ठ अतिथि सदर विधायक विजयपाल आढ़ती और कार्यक्रम अध्यक्ष मनोज गुप्ता चामुंडा पेपर मिल रहे। पूरा महोत्सव प्रधान रविंद्र गुप्ता, महामंत्री विनोद वर्मा, कोषाध्यक्ष उमेश अग्रवाल, मीडिया प्रभारी शुभम गोयल एडवोकेट के द्वारा प्रभु श्री सीताराम लक्ष्मण आरती करके विधिवत संपन्न हुआ।

श्री आदर्श रामलीला मंडल रजिस्टर्ड वृंदावन मथुरा के निर्देशक व्यास पवनदेव चतुर्वेदी महाराज ने बताया कि भरत अयोध्या वापस लौट गए तो भगवान श्रीराम चित्रकूट पर निवास करने लगे। जब भगवान चित्रकूट पर बसे तो अनेकों चरित्र भगवान ने किये और अनेक दुष्टों को मारकर चित्रकूट भूमि का उद्धार किया। एक दिन देवराज इंद्र के पुत्र जयंत की पत्नी भगवान श्रीराम का पूजन करने आई। वहां पर प्रभु श्रीराम, जानकी का फूलों का श्रंगार कर रही थी। जिसे देखकर जयंत के मन में बड़ा अभिमान आया कि मेरी पत्नी किस का पूजन करने जा रही है। वह अर्धरात्रि में परीक्षा लेने के लिए पहुंचा और कौआ का भेष बनाकर जानकी जी के चरणों में चोंच मारकर भाग। तभी प्रभु श्रीराम ने जयंत के पीछे अपना अग्निबाण छोड़ दिया। कौआ का रूप धारण किए हुआ जयंत ब्रह्मा, विष्णु, महेश की शरण में गया पर किसी ने रक्षा नहीं की। तब अंत में नारद को दया आई और नारद ने उसको उपाय बताया कि वहीं संसार के स्वामी हैं। उन्हीं के शरण मे जा और वहीं क्षमा करेंगे।

जयंत भगवान श्रीराम के चरणों में चले जाते हैं। प्रभु श्रीराम जयंत को क्षमा करते हुए आगे की ओर प्रस्थान करते हैं। प्रभु श्रीराम अत्रि और अनुसुइया के आश्रम में जाते हैं और अनसूया द्वारा सुंदर नारी धर्म के उपदेश जानकी को दिए जाते हैं। प्रभु श्रीराम पंचवटी की और पंचवटी पर जाकर निवास करने लगते हैं। एक दिन वहां रावण की बहन सुपनखा सुंदर भेष में आती है और काम आसक्त होकर वह प्रभु श्रीराम से निवेदन करती है। भगवान राम सब मायाजाल लक्ष्मण की ओर इशारा करते हैं। लक्ष्मण भी बारंबार निवेदन को स्वीकार नहीं करते और उसको डांटने लगते हैं और सूपनखा अपना भयानक रूप बनाकर सामने आती है और माता जानकी पर प्रहार करने लगती है। तभी लक्ष्मण द्वारा नाक-कान काट दिए जाते हैं।

यह लोग रहे मौजूद

मंचन के दौरान रतनलाल ठेकेदार, डीके सर्राफ, अनिल आजाद एडवोकेट, नवीन वर्मा, सुयश वशिष्ट, नवीन गुप्ता, शुभम गोयल एडवोकेट, अंकुर गर्ग, विवेक सिंघल, अभिषेक आजाद, प्रदीप वर्मा सोनी, मुकुट वर्मा, दीपक वर्मा, विमल वर्मा आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।

Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन Ramleela:लक्ष्मण ने काटी सुपनखा की नाक, रामलीला मैदान प्रभु श्रीराम के उद्धोष से गूंजा, रामलीला मैदान के मुख्य द्वार का हुआ उद्धाटन

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