Khabarwala 24 News Hapur: Hapur उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री घोटाला की जांच में एक के बाद एक परत खुलती जा रही है। मोनाड यूनिवर्सिटी से डिग्री और मार्कशीट नौ राज्यों के युवाओं को बेचे जाने के साक्ष्य एसटीएफ काे मिले हैं। यूनिवर्सिटी ने यह धंधा कोविड के दौर में ही आरंभ कर दिया था। अब एसटीएफ की जांच बैक में जाएगी और 2015 के बाद से एक-एक डिग्री का रिकार्ड चेक किया जाएगा। जांच में कई हैरान करने वाले सामने आने की उम्मीद की जा रही है।
जरूरत के अनुसार तय किए जा रहे दाम
प्रारंभिक जांच में सबसे ज्यादा डिग्री बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र के युवाओं को बेचे जाने के साक्ष्य हैं। इन राज्यों में 30 हजार से ज्यादा डिग्रियां बेची जाना बताया जा रहा है। डिग्रियों का रेट लोगों की जरूरत के हिसाब से तय किया जाता था। यानि की जिसकी जितनी जरूरत उसका उतना दाम वसूला जा रहा था। जांच में यह भी पता चला कि बिहार में सबसे ज्यादा डिग्री एमए और बीएड की बेची गई हैं। कुछ डिग्री लाखों रुपये तक में बेचे जाने के साक्ष्य भी मिले हैं।
बढ़ सकती है आरोपियों की संख्या
सूत्रों के अनुसार एसटीएफ के रडार पर मोनाड के वर्तमान मालिकों के साथ ही इनसे पहले के मालिक अौर कर्मचारी भी हैं। ऐसे में जांच अब पीछे की ओर की जा रही है। एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार अब जांच को 2015 से आरंभ किया जाएगा। वहीं मोनाड के कर्मचारियों और मालिकों के साथ ही डिग्रियों की बिक्री के लिए दलाली करने वालों और फर्जी डिग्री लेने वालों को भी आरोपी बनाया जा सकता है। ऐसे में आरोपियों की संख्या काफी बढ़ सकती है
शिक्षा प्रणाली पर उठ रहे सवाल
इस घोटाले ने शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। फर्जी डिग्रियों के कारण कई नौकरियां खतरे में हैं। एसटीएफ और पुलिस संयुक्त रूप से जांच को आगे बढ़ा रही हैं ताकि इस रैकेट के सभी पहलुओं का खुलासा हो सके।
छापे के बाद से हजारों छात्र की धड़कने बढ़ी
एसटीएफ की कार्रवाई से विश्वविद्यालय में विभिन्न कोर्सों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की दिल की धड़कने बढ़ने लगी है छात्र-छात्राओं को अपने भविष्य को लेकर चिंता हो रही है अन्य राज्यों और प्रदेश के विभिन्न जनपदों में रहने वाले छात्र-छात्राएं कालेज स्टाफ से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर वह काफी परेशान हैं जो मेहनती बच्चे दिन रात पढ़ाई कर अपने कैरियर बनाने में लगे हैं उन्हें इस फर्जीवाड़े के कारण काफी दिक्कत हो रही है ।
क्या कहते हैं थाना प्रभारी
एसटीएफ की शिकायत के आधार पर ही मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों पर एसटीएफ के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है। यह अंतराराज्यीय गैंग है। इसके लिए टीम को हरियाणा-बिहार सहित कई राज्यों में भेजा जाएगा। आरोपितों और फर्जीवाड़े का यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रही है।
– पटनीश कुमार- एसएचओ, थाना पिलखुवा।