Khabarwala 24 News Hapur: Monad University में फर्जी मार्कशीट और डिग्री रैकेट के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने विश्वविद्यालय के मालिक विजेंद्र सिंह हुड्डा और सह-आरोपी संदीप सेहरावत की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। सोमवार को हुई सुनवाई में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए। सरकार की ओर से वकील अजनान खान ने जमानत का विरोध करते हुए बताया कि Monad University के मालिक विजेंद्र सिंह हुड्डा पहले भी 2019 में हुए बाइक बोट घोटाले में शामिल रहे हैं, जिसका मुकदमा नोएडा के दादरी में दर्ज है। वर्तमान में वह उस मामले में जमानत पर हैं।
Monad University में एसटीएफ ने की थी छापेमारी
उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने 17 मई 2025को विश्वविद्यालय पर छापा मारकर इस रैकेट का पर्दाफाश किया था। इस दौरान 1372 फर्जी डिग्रियां, 262 फर्जी प्रोविजनल और माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 14 मोबाइल फोन और सात लैपटॉप बरामद किए गए। आरोप है कि रैकेट में शामिल लोग बीटेक, एलएलबी, बी.एड., और फार्मेसी जैसे कोर्स की फर्जी डिग्रियां 50000 से 5 लाख रुपये में बेच रहे थे। एसटीएफ के अनुसार, यह रैकेट पिछले दो-तीन वर्षों से सक्रिय था और कई लोग इन फर्जी डिग्रियों का उपयोग सरकारी व निजी नौकरियों के लिए कर चुके हैं।
बसपा के टिकट पर लड़ चुके हैं चुनाव
Monad University के मालिक विजेंद्र सिंह हुड्डा, जो 2024 में बिजनौर से बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, इस मामले में मुख्य आरोपी हैं। एसटीएफ अब उन लोगों की जांच कर रही है जिन्होंने इन फर्जी डिग्रियों का उपयोग नौकरियों के लिए किया।
