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Hapur पिता-पुत्र की जोड़ी ने मचाया धमाल, एक साथ पास की यूपी पुलिस सिपाही भर्ती

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Khabarwala 24 News Hapur: उत्तर प्रदेश के Hapur जिले के छोटे से गांव उदयरामपुर नंगला में खुशी का माहौल है। यहां के पिता-पुत्र की जोड़ी ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया है। यशपाल सिंह नागर और उनके बेटे शेखर नागर ने एक साथ उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा 2024 (Uttar Pradesh Police Constable Recruitment Exam 2024) में कामयाबी हासिल की है।

रविवार को लखनऊ के डिफेंस एक्सपो स्थल पर दोनों को नियुक्ति पत्र मिले, और गांव से लेकर आसपास के इलाकों में जश्न का माहौल है। आइए, इस दिलचस्प कहानी को जानते हैं, जो मेहनत, लगन और परिवार के सपनों की जीत की मिसाल है।

मेहनत की मिसाल: पिता-पुत्र की लाइब्रेरी में पढ़ाई 

शेखर नागर (Shekhar Nagar) ने बताया कि उनके पिता यशपाल सिंह नागर (Yashpal Singh Nagar) और वो दोनों एक साथ लाइब्रेरी जाया करते थे। दोनों एक ही टेबल पर बैठकर घंटों पढ़ाई करते, नोट्स बनाते और सिपाही भर्ती की तैयारी में जुटे रहते।

शेखर ने बताया, “हम दोनों का एक ही मकसद था – यूपी पुलिस (UP Police) में सिपाही बनना। पापा ने मुझे हमेशा प्रेरित किया कि मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता।”

शेखर पिछले ढाई साल से सिपाही भर्ती की तैयारी कर रहे थे। इसके अलावा, वो सीडीएस और उत्तर प्रदेश दरोगा भर्ती की भी तैयारी में जुटे हैं। दूसरी तरफ, यशपाल सिंह ने अपनी नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई को समय दिया और बेटे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस मुकाम को हासिल किया।

Hapur के यशपाल सिंह की प्रेरणादायक कहानी

Hapur के यशपाल सिंह नागर (Yashpal Singh Nagar) की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। साल 2003 में उनकी भारतीय सेना में भर्ती हुई थी। 16 साल तक देश की सेवा करने के बाद 2019 में वो सेना से रिटायर हो गए। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने दिल्ली में आर्मी ऑर्डनेंस कोर में नौकरी शुरू की।

लेकिन जब 2024 में यूपी पुलिस सिपाही भर्ती (Uttar Pradesh Police Constable Recruitment Exam 2024) का मौका आया, तो उन्होंने बेटे शेखर के साथ मिलकर इसकी तैयारी शुरू की। जब दोनों का सिपाही भर्ती में सिलेक्शन हुआ, तो यशपाल ने बिना देर किए आर्मी ऑर्डनेंस कोर की नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

शेखर ने बताया, “पापा का ये फैसला मेरे लिए बहुत बड़ा सबक था। उन्होंने दिखाया कि सपनों के लिए उम्र कोई बाधा नहीं होती।”

Hapur के गांव में जश्न, हर तरफ बधाइयों का तांता 

जैसे ही पिता-पुत्र के सिपाही भर्ती में सिलेक्शन की खबर Hapur में गांव में पहुंची, उदयरामपुर नंगला में खुशी की लहर दौड़ गई। पड़ोसी, रिश्तेदार और दोस्त – सब उनके घर बधाई देने पहुंचे। गांव वालों का कहना है, “ये हमारे लिए गर्व की बात है। यशपाल और शेखर ने पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया।

परिवार का सपोर्ट, सपनों की नींव 

शेखर ने बताया कि उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया। उनकी मां अनीता देवी एक गृहणी हैं, जो घर संभालने के साथ-साथ बच्चों को हमेशा पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करती थीं। शेखर की बहन नेहा नागर अभी पढ़ाई कर रही है, और छोटे भाई ने हाल ही में बारहवीं पास की है। शेखर ने कहा, “मम्मी ने हमेशा कहा कि पढ़ाई और मेहनत ही जिंदगी में आगे ले जाएगी। आज हमारा सिलेक्शन उनकी दुआओं का नतीजा है।”

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