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Hapur में एचडीएफसी बैंक कर्मचारी सहित तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार, 14 लाख की ठगी का खुलासा

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Khabarwala 24 News Hapur: यूपी के जनपद Hapur की साइबर क्राइम पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय साइबर अपराधी गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह भोले-भाले लोगों के क्रेडिट कार्ड के एडऑन (अतिरिक्त कार्ड) का दुरुपयोग कर उनके खातों से लाखों रुपये निकाल रहा था। गिरफ्तार आरोपियों में हापुड़ की एक एचडीएफसी बैंक शाखा में कार्यरत कर्मचारी अमन अग्रवाल भी शामिल है, जो गिरोह को कार्डधारकों की गोपनीय जानकारी उपलब्ध कराता था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 18 क्रेडिट और डेबिट कार्ड, 3 मोबाइल फोन, फर्जी रसीदें और 1,630 रुपये नकद बरामद किए हैं।

क्या है पूरा मामला (Hapur)

सीओ वरुण मिश्रा ने बताया कि मेरठ रोड, कृष्ण विहार निवासी मनीष ने 20 जून 2025 को साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। मनीष ने बताया कि उनके एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड, जिसकी सीमा 14 लाख रुपये थी, से 22 मई 2025 को तीन बार में 14 लाख रुपये निकाले गए। इस शिकायत के आधार पर साइबर थाना प्रभारी नजीर खान के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने मामले की गहन जांच शुरू की।

यह हैं पकड़े गए आरोपी

जांच के दौरान, पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले, जिसके आधार पर Hapur के मेरठ-बुलंदशहर हाइवे पर श्यामपुर ददायरा के रास्ते से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें हाफिजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर निवासी मोहित त्यागी, खुर्जा थाना क्षेत्र के ग्राम माहिपुर, बुलंदशहर निवासी प्रमोद, और हापुड़ देहात थाना क्षेत्र के भगवानपुरी निवासी अमन अग्रवाल शामिल हैं। अमन अग्रवाल, जो एचडीएफसी बैंक में कर्मचारी है, गिरोह का अहम हिस्सा था और कार्डधारकों की जानकारी लीक कर धोखाधड़ी में सहायता करता था।

Hapur-
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यह हैं पकड़े गए आरोपी (Hapur)

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप के जरिए धोखाधड़ी से क्रेडिट कार्ड के एडऑन कार्ड बनवाते थे। अमन अग्रवाल इन कार्ड्स को गिरोह के अन्य सदस्यों को सौंप देता था, जो जनसेवा केंद्रों के माध्यम से खातों से पैसे निकालते थे। लोगों का भरोसा जीतने के लिए, गिरोह फर्जी बैंक रसीदें तैयार कर उन्हें कार्डधारकों के मोबाइल नंबरों पर भेजता था। मनीष के मामले में, गिरोह ने 14 लाख रुपये निकालकर आपस में बांट लिए थे। पुलिस ने इस घटना से संबंधित 1,620 रुपये बरामद किए, जबकि शेष राशि आरोपियों ने खर्च कर दी।

पुलिस ने जांच की शुरू (Hapur)

सीओ वरुण मिश्रा ने बताया कि यह गिरोह शातिर तरीके से काम करता था और इसके तार अन्य जिलों व राज्यों से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है, ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों और संभावित पीड़ितों का पता लगाया जा सके। बरामद सामग्री, जैसे क्रेडिट कार्ड, मोबाइल फोन और फर्जी रसीदें, जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल की जा रही हैं।

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