Khabarwala24 Hapur News: हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा मेले से पहले आधी रात को हाईवे पर अवैध भैंसा-बुग्गी रेस का खतरनाक नजारा देखने को मिला। परंपरा के नाम पर आयोजित इस रेस ने एक बार फिर कानून को चुनौती दी। अंधेरे में भैसों की थाप और बाइकों की तेज आवाज के बीच सैकड़ों लोग सड़क किनारे जमा हो गए। नेशनल हाईवे को रेस ट्रैक बनाकर बैल दौड़ाने का खेल शुरू हो गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाई और पांच भैंसा बुग्गियां जब्त कीं।
रफ्तार और खतरे का खेल (Hapur News)
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इन रेसों में भैसों को 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से करीब 40 किलोमीटर तक दौड़ाया जाता है। उन्हें तेज छड़ों और नुकीले डंडों से उकसाया जाता है, जिससे वे दर्द में तेजी से भागते हैं। इस बार आयोजकों ने लाखों रुपये की नकद पुरस्कार राशि रखी थी, जिससे प्रतिस्पर्धा और भी खतरनाक हो गई। नानपुर गांव के निवासी योगेश कुमार ने बताया, “पहले यह एक उत्सव था, लेकिन अब यह हिंसा और खतरे का खेल बन गया है। हाईवे अब रेस ट्रैक बन चुका है। कई बार भैसे गिर जाते हैं, बुग्गी पलट जाती है और दर्शकों को चोट लगती है।”
पशु क्रूरता का गंभीर मुद्दा (Hapur News)
पशु अधिकार संगठनों ने इस परंपरा को बेहद क्रूर बताया है। एनिमल केयर सोसाइटी के अध्यक्ष अंशुमाली वशिष्ठ ने कहा, “भैसों के संवेदनशील हिस्सों में नुकीली छड़ें चुभोना अमानवीय है। इससे उन्हें असहनीय दर्द होता है और लगातार दौड़ने से उनका रक्तचाप खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। कई बार हम जानवरों को बचाने की कोशिश करते हैं, लेकिन भीड़ और वाहनों की वजह से पशु चिकित्सा सहायता भी नहीं पहुंच पाती।” पशु क्रूरता अधिनियम के तहत यह गतिविधि पूरी तरह अवैध है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई (Hapur News)
थाना गढ़मुक्तेश्वर पुलिस ने गुरुवार देर रात एक विशेष अभियान चलाकर पांच भैंसा बुग्गियां जब्त कीं। थाना प्रभारी मनोज बालियान ने बताया, “भैंसा-बुग्गी रेस पूरी तरह प्रतिबंधित है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि पशु क्रूरता अधिनियम के खिलाफ भी है। हमने आयोजकों के खिलाफ पशु क्रूरता और शांति भंग की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। ऐसी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
प्रशासन ने बढ़ाई सख्ती (Hapur News)
कार्तिक पूर्णिमा मेले को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है। संवेदनशील मार्गों पर गश्त तेज की गई है और पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई है। अधिकारियों ने साफ किया कि परंपरा के नाम पर कानून तोड़ने या पशुओं पर अत्याचार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे ऐसी खतरनाक गतिविधियों से दूर रहें और अपने जानवरों को सुरक्षित रखें।
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