Khabarwala 24 News Hapur: Hapur (तुषार जैन) जैन समाज ने प्रातःकाल से ही धार्मिक उत्साह के साथ दिन की शुरुआत की, जिसमें अभिषेक पूजन, शांतिधारा, और शांतिनाथ विधान को विद्वान राहुल जैन शास्त्री ने संपन्न कराया। इस अवसर पर जैन विद्वान रोहित जैन शास्त्री ने उत्तम त्याग पर प्रवचन देते हुए कहा, “उत्तम त्याग का अर्थ है भौतिक वस्तुओं और सांसारिक इच्छाओं का परित्याग। यह गुण हमें स्वार्थ और मोह को छोड़कर आत्मिक उत्थान और मानसिक शांति की ओर ले जाता है।” उनके प्रवचन ने उपस्थित लोगों को आत्मिक बल और शांति के महत्व को समझाया।
शाम को महा आरती और धार्मिक नृत्य की धूम (Hapur)
शाम के समय संगीत की मधुर ध्वनियों के बीच महा आरती का आयोजन किया गया, जिसने भक्ति का माहौल और गहरा कर दिया। इसके बाद एक रंगारंग धार्मिक नृत्य कार्यक्रम हुआ, जिसमें ऋचा जैन, मेघा जैन, सृष्टि जैन, अंबिका जैन, रूबी जैन, रितिका जैन, तृप्ति जैन, और ममता जैन ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। इन नृत्य प्रस्तुतियों की जैन समाज ने खूब प्रशंसा की और सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया।
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जैन समाज के गणमान्य रहे मौजूद (Hapur)
इस आयोजन में जैन समाज के संरक्षक प्रमोद कुमार जैन, अध्यक्ष अनिल कुमार जैन, और अन्य प्रमुख सदस्य जैसे सुरेश चंद जैन, आकाश जैन, तुषार जैन, मोंटू जैन, अमित जैन, संदीप जैन, भुवन जैन, राजीव जैन, अर्चित जैन, सुधीर जैन, रेणुका जैन, भावना जैन, बीनू जैन, आर.के. जैन, निशा जैन, प्रभा जैन, बबीता जैन, वंदना जैन, और वसुधा जैन सहित कई लोग उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने इस धार्मिक आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया।
जैन धर्म में उत्तम त्याग का महत्व (Hapur)
रोहित जैन शास्त्री ने अपने प्रवचन में जैन धर्म के मूल सिद्धांतों में से एक, उत्तम त्याग, पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह गुण न केवल भौतिक वस्तुओं का त्याग सिखाता है, बल्कि व्यक्ति को आत्मिक शुद्धि और शांति की ओर ले जाता है। यह संदेश जैन समाज के लिए प्रेरणादायी रहा और उपस्थित लोगों ने इसे आत्मसात करने का संकल्प लिया।