Khabarwala 24 News Hapur: यूपी के जनपद हापुड़ (Hapur) के दोयमी रोड स्थित आवासीय वृद्धाश्रम में एलायंस क्लब हापुड़ यूथ और वृद्धाश्रम के संयुक्त तत्वावधान में शहीदों को समर्पित एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में वीर शहीदों को नमन करते हुए वृद्धाश्रम का प्रांगण तिरंगे की आभा, पुष्पों की सुगंध, और कवियों के ओजस्वी स्वरों से गूंज उठा। पूरा वातावरण राष्ट्रभक्ति की भावना में सराबोर हो गया, मानो हर शब्द और स्वर शहीदों की अमर गाथा को जीवंत कर रहा हो।
मंच संचालन और काव्य पाठ (Hapur)
मंच संचालन का दायित्व प्रख्यात कवि डॉ. अनिल बाजपेई ने बखूबी निभाया। उनके कुशल संचालन ने कार्यक्रम को गति और गरिमा प्रदान की। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से देशभक्ति का जोश जगाया:
रग-रग में है गूंजता, भारत का जय गान,
मेरी धड़कन में बसा, प्यारा हिन्दुस्तान।
मेरी साँसों में घुला, जन गण मन का गान,
धरती अंबर गूँजता, भारत का यशगान।
कार्यक्रम की अध्यक्षता और प्रेरक विचार (Hapur)
कार्यक्रम की अध्यक्षता अजय बंसल ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा:
“शहीद केवल स्मृति नहीं, वे हमारी आत्मा हैं। उनकी कुर्बानी से ही यह धरती सुरक्षित है। कवियों ने अपने शब्दों से शौर्य और बलिदान का जो चित्र उकेरा है, वह अमरता को प्राप्त करेगा।”
कवियों की ओजस्वी प्रस्तुतियाँ (Hapur)
कवि विनीत ने अपनी रचना से श्रोताओं के मन में गर्व और श्रद्धा का भाव जगा दिया:
ये तिरंगा है हमारी साँसों की पहचान,
उनके बलिदान की रौशनी से ही हमारी आज़ादी का सूरज चमकता है।

क्षमा शर्मा ने अपनी कविता में शौर्य का गर्जन भरते हुए कहा: (Hapur)
जब-जब सीमा पर उठते हैं तूफ़ान,
सैनिक बन जाते हैं आँधी और जान।
माँ भारती की रक्षा में जिन्होंने रक्त बहाया,
उनका ऋण हम कभी न चुका पाएँ।
कीर्ति सिंहल ने भावभीनी रचना प्रस्तुत की: (Hapur)
धरती की गोदी में सोये अमर सपूत हमारे,
जिनके जीवन से रोशन हैं दीप हजारों।
वे चले गए पर उनकी कुर्बानी की महक,
सदा इस वतन के फूलों में महकेगी।
शिवानी शर्मा की कविताओं में करुणा और गर्व की गूंज थी: (Hapur)
गंगा-यमुना का जल भी कह रहा,
शहीदों की गाथा अमर है सदा।
जिन वीरों ने न्योछावर कर दी अपनी जान,
उनसे ही रोशन है हिन्दुस्तान।
सचिन अग्रवाल ने जोशीले अंदाज में कहा: (Hapur)
जब तिरंगा ऊँचा लहराता है, तो ऐसा लगता है मानो हर शहीद हमारे भीतर जीवित हो उठा है। यह कवि सम्मेलन हमें याद दिलाता है कि शौर्य और बलिदान केवल किताबों में नहीं, हमारी धड़कनों में बसते हैं।”
आयोजन का समापन
कार्यक्रम के अंत में पूनम शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया: (Hapur)
यह आयोजन हम सबकी सामूहिक श्रद्धांजलि है। वह एलायंस क्लब यूथ, वृद्धाश्रम परिवार, कवि गण, अतिथियों, और श्रोताओं को धन्यवाद देती हैं कि उन्होंने इस संकल्प को सार्थक बनाया। शहीदों के नाम समर्पित यह कवि सम्मेलन हम सभी के हृदय में सदा जीवित रहेगा।
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