Khabarwala 24 News Hapur: Hapur एंटी करप्शन द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के दो बाबूओं को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा था। अब इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग के दोनों कर्मचारियों पर गाज गिर गई है। कनिष्ठ लिपिक दीपेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया है और संविदा कर्मचारी निखिल शर्मा की सेवा समाप्त कर दी गई हैं। शासन और जिलाधिकारी दोनों की ही फाइल भेज दी गई हैं।
क्या है पूरा मामला
कोतवाली पिलखुवा क्षेत्र के शिवालिक ग्रीन निवासी सुकुमार पहाड़ी ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि पिलखुवा में भविष्य पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूल है। प्रधानाचार्य ने टीम को बताया कि 19 अप्रैल को उनके स्कूल का बीएसए ने निरीक्षण किया था। उनके साथ बाबू दीपेंद्र शर्मा भी मौजूद थे। तीन दिन बाद बाबू दीपेंद्र का फोन आया जिसने बताया कि कि उनके स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण नहीं कराया गया।
स्कूल मैनेजर से बात कर जवाब देने के लिए कहा
कार्यालय में आकर मिले, अन्यथा कार्रवाई हो जाएगी। इस पर प्रधानाचार्य बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे और बाबू दीपेंद्र शर्मा से मिले। आरोप है कि प्रधानाचार्य को बाबू ने जमकर हड़काया और संविदा कर्मचारी निखिल शर्मा से बात करने के लिए कहा। निखिल ने बताया कि मान्यता नवीनीकरण कराने के लिए 75 हजार रुपये लगेंगे। प्रधानाचार्य ने कहा कि उनके स्कूल के सभी अभिलेख पूरे हैं और जब स्कूल की कोई शिकायत नहीं होती तो स्वत: ही नवीनीकरण हो जाता है। प्रधानाचार्य ने स्कूल मैनेजर से बात कर जवाब देने के लिए कहा और वापस लौट आए।
नवीनीकरण के लिए तय हुए थे 70 हजार रुपये
25 अप्रैल को प्रधानाचार्य फिर से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर पहुंचे तो बाबू उन पर गुस्सा हो गए और बोले कि स्कूल के खिलाफ कार्रवाई कराकर ही मानोगे। प्रधानाचार्य ने अनुरोध किया तो उन्होंने कहा कि 70 हजार दे दो, दस हजार अभी दे दो और 60 हजार बाद में दे देना। इस पर प्रधानाचार्य न कहा कि वह स्कूल के मैनेजर से बात कर एक साथ ही पूरा 70 हजार रुपये का भुगतान कर देंगे और वापस लौट आए।
टीम ने आरोपियों को दबोचा था
एंटी करप्शन टीम की टीम ने प्रधानाचार्य की शिकायत पर जाल बिछाया और बीएसए आफिस के बाहर से रिश्तवत लेते हुए दीपेंद्र शर्मा और निखिल शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक दुर्गेश कुमार ने थाना हापुड़ देहात में मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया।
शिक्षा विभाग में छाया है रिश्वत का मामला
बेसिक शिक्षा विभाग के दो बाबूओं की रिश्वत लेने हुए गिरफ्तारी होने का मामला शिक्षा विभाग में छाया हुआ है। विभाग के बाबूओं और शिक्षकों में यह मामला छाया हुआ है। वहीं कहीं निजी स्कूल संचालक भी भ्रष्टाचार का मामला खुलने पर खुश है, क्योंकि बीएसए कार्यालय में उन्हें काम कराना आसान नहीं होता है।

