UP Politics Khabarwala 24 News Lucknow:लोकसभा चुवाव 2024 को लेकर विभिन्न राजनैतिक पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है। प्रत्याशियों को लेकर चर्चा शुरू हो गई। भाजपा में भी सांसदों के रिपोर्ट कार्ड देखे जा रहे हैं। एेसे में भाजपा में कई दिग्गज चेहरों को लेकर असमंजस की स्थिति है। खुद भाजपाई भी ऊहापोह में हैं। इन चेहरों में पीलीभीत के फायर ब्रांड सांसद वरुण गांधी, उनकी मां और सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी, भाजपा कोटे से सांसद स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा और कैसरगंज के चर्चित सांसद बृजभूषण शरण सिंह के नामों को लेकर अटकलों का बाजार तेज है।
अगर पीलीभीत सांसद वरुण गांधी की बात की जाए तो वह समय-समय पर अपनी तीखे बयानों, ट्वीट और पत्रों के जरिए पार्टी को असहज करते रहे हैं। कई बार उन पर पार्टीलाइन से इतर जाने के आरोप भी लगे हैं। वरुण ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए किसान आंदोलन में भी खुलकर किसानों का समर्थन किया था। हालांकि बीते कुछ दिनों में उनके तेवरों में थोड़ा बदलाव जरूर देखने को मिला है। अब देखना यह है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी और वरुण के रिश्तों की डोर कितनी मजबूत रह पाती है।
दूसरा नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरुण गांधी की मां मेनका गांधी का है। फिलहाल सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी को मोदी 2 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी। मेनका ने अपनी नाराजगी जगजाहिर तो नहीं की लेकिन बेटे वरुण के तेवरों को लेकर भी वो खामोशी की चादर ही ओढ़े रही हैं। 2024 में वे फिर सुल्तानपुर का ही संसद में प्रतिनिधित्व करेंगी या कोई और क्षेत्र उनका ठिकाना बनेगा, इसे लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बार-बार संघ मित्रा को देनी पड़ रही सफाई
इसी क्रम में तीसरा नाम बदायूं की सांसद संघमित्रा मौर्य का है। संघमित्रा की मुसीबत पार्टी में कोई और नहीं उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के कारण ही बढ़ती रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भगवा खेमा छोड़ साइकिल की सवारी करने वाले स्वामी प्रसाद कभी रामायण की चौपाइयों तो कभी बद्रीनाथ धाम को बौद्ध मठ बताने ऐसे विवादास्पद बयान देते रहे हैं। इधर, जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है तो उनकी भाजपा से सांसद बेटी की धड़कनें तेज हो रही हैं। संघमित्रा ने हाल ही में यह कहकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है, यदि भाजपा चाहेगी तो वो फिर अपने पिता को पार्टी में लाने का प्रयास करेंगीं।

बृजभूषण का विवाद नहीं छोड़ रहे पीछा
कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में बीते काफी समय से वे कई नामचीन महिला पहलवानों के निशाने पर रहे हैं। इस मामले में केस भी चल रहा है। वहीं अब उनका नाम अवैध खनन को लेकर चर्चा में आया है। हालांकि बृजभूषण ने खनन से खुद का वास्ता न होने की बात कही है मगर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने एक टीम गठित कर आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। उनके सियासी भविष्य पर भी लोगों की निगाहें लगी हैं।
हेमा मालिनी और जनरल वी.के.सिंह भी चर्चा में
चर्चा में तो ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी और जनरल वी.के.सिंह के नाम भी हैं। सांसद हेमा मालिनी को लेकर भी बीते दिनों चर्चाओं का बाजार गर्म था कि वे इस बार मथुरा से लड़ेंगी या नहीं। विरोधियों ने इस बात को भी हवा दी कि लगातार बाहर रहने के कारण क्षेत्र में उनकी सक्रियता भी बहुत कम है। हालांकि पिछले कुछ समय से हेमा फिर से सक्रियता दिखा रही हैं। उधर, गाजियाबाद के सांसद पूर्व जनरल वीके सिंह की स्थिति को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। उन्हें राज्यपाल बनाए जाने की भी चर्चा चल रही है। खबर है कि पार्टी विधायक ही उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। अब यह तो समय ही बताएगा कि अटकलों के बाजार में कितना दम है। लेकिन सभी अपनी अपनी लोकसभा क्षेत्र में दिन रात कार्य में जुटे हुए हैं।