Khabarwala 24 News New Delhi : Lohri 2025 हर साल 13 जनवरी को लोहड़ी बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। यह उत्तर भारत का एक प्रमुख और पारंपरिक त्योहार है।
यह पर्व मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में इसे बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार फसल की कटाई और बुआई की खुशी में मनाया जाता है। आज के दिन किसान फसल की उन्नति की कामना करते हैं। इस दिन लोग आग जलाकर उसके चारों ओर नाचते-गाते हैं। गिद्दा करते हैं। गिद्दा पंजाब का एक बहुत ही लोकप्रिय नृत्य है। आइए आपको लोहड़ी के पर्व का महत्व बताते हैं…
लोहड़ी पर्व का महत्व (Lohri 2025)
लोग आग में गुड़, तिल, रेवड़ी, गजक डालते हैं और एक दूसरे को लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं। इस दौरान तिल के लड्डू भी बांटे जाते हैं। ये त्योहार पंजाब में फसल काटने के दौरान मनाया जाता है। इस दिन रबी की फसल को आग में समर्पित कर सूर्य देव और अग्नि का आभार प्रकट किया जाता है।
दुल्ला भट्टी की कहानी (Lohri 2025)
लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने की खास प्रथा है। दुल्ला भट्टी की कहानी के बगैर लोहड़ी का त्योहार अधूरा माना जाता है। माना जाता है कि अकबर के शासन के वक्त पंजाब में दुल्ला भट्टी नाम का एक शख्स रहता था। यह वो समय था जब कुछ अमीर व्यापारी सामान की जगह शहर की लड़कियों को बेचा करते थे।
कहानी सुनाई जाती है (Lohri 2025)
तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई थी। दुल्ला भट्टी अकबर की नजर में तो एक डकैत था, लेकिन गरीबों के लिए वो किसी मसीहा से कम नहीं था। तभी से दुल्ला भट्टी को एक नायक के रूप में देखा जाता है और हर साल लोहड़ी पर उसकी कहानी सुनाई जाती है।
कैसे मनाते हैं लोहड़ी (Lohri 2025)
लोहड़ी का त्योहार गजक, मक्का के दाने, मूंगफली और रेवड़ी के साथ मनाया जाता है। इस दिन घर के बाहर किसी खुली जगह पर लकड़ियां इकट्ठी कर लें। रात के समय लकड़ियां जलाकर अग्नि देव की पूजा करें। 7 या 11 बार परिक्रमा करें। अग्नि में गजक, रेवड़ी और मक्का के दाने अर्पित करें। लोहड़ी का प्रसाद सभी में बांटें।