Hapur News Khabarwala 24 News Hapur: कर्बला के शहीदों की याद में अजादारों ने आमाले आशुरा पढ़े और इमाम हुसैन की शहादत को याद किया गया। इसके बाद इमाम बारगाह रिजविया एजाज हुसैन में मजलिस आयोजित कर ताजिया बरामद किया गया, जो जुलूस के रुप में अपने विभिन्न रास्तो से होते हुए रिवायतों के साथ निकाला गया। जिसमें अंजुमन हुसैनी के रजाकारों ने सीनाजनी करके खूनी मातम किया और हसन हुसैन को याद किया। ताजिया कर्बला मैदान में दफन किया गया।
इससे पहले मजलिस में तकरीर करते हुए मौलाना असअद अली जैदी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने अपने नाना के दीन को बचाने के लिए अपने अंसार व असहाब को शहादत पेश करते हुए अपना घर दीन को बचाने के लिए कुर्बान कर दिया। कर्बला की जंग इंसानियत को कायम करने के लिए की गई थी। जिसमें हसन और हुसैन ने इंसानियत को बचाने के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया।
इसके बाद जुलूस के रुप में जुलजनाह व ताजिये बरामद किए गए। जिसमें अंजुमन हुसैनी के रज़ाकारों ने सीनाजनी, नौहाख्वानी व जंजीरों से सीना ज़नी व कुमा का मातम कर इमाम हुसैन व उनके साथियों को खिराजे अकीदत पेश की। जुलूस इमाम बारगाह लियाकत अली से शुरू होकर धुनों का चौक, काली मस्जिद, इमाम बारगाह मोहसिन अली, गढ़ गेट पुलिस चौकी, कोटला सादात में समाप्त हुआ। इसके बाद हुसैनी चौक, हर्ष कालोनी स्थित कर्बला जाकर गिरिया किया और ताजिये इमाम हुसैन सुपुर्द ए खाक किए गए। दूसरी ओर सुन्नी समुदाय की जानिब से अखाड़े भी निकाले गए जिसमें कलाकारों ने अपने करतब दिखा कर लोगों की वाहवाही लूटी। अखाड़े में पटाबाज़ी,व अन्य करतब दिखाए। ताजिया जुलूस में पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।
सात समंदर पार भी कर्बला के शहीदों को याद किया
सात समंदर पार भी हापुड़ के रज़ा अब्बास ने भारत के अन्य क्षेत्रों से पानी के जहाज पर सवार युवकों के साथ मजलिस पढ़ कर व सीनाज़नी कर कर्बला के शहीदों को याद किया।
रजा अब्बास सदर अंजुमन गुलाम हुसैन, समीर अब्बास किस्सा, ताहिर हुसैन अलीगढ़ , रहबर हुसैन ननोता सहारनपुर , मोहसिन हुसैन गोरखपुर, वासिफ हुसैन लखनऊ तथा फ़ैज़ अब्बास मेरठ के साथ अन्य देशों के नौजवानों ने पानी के जहाज पर सीनाज़नी कर कर्बला के शहीदों को खिराज ए अकीदत पेश किया।