Khabarwala24News: माफिया Atiq अतीक और Ashraf अशरफ की प्रयागराज में ताबड़तो़ड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस वारदात को अंजाम देने वाले तीनों शूटरों को पुलिस ने मौके पर ही पकड़ लिया था। हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीन शूटरों में से एक कासगंज के गांव कादरवाड़ी का मूल निवासी शूटर Arun maurya अरुण है। अरुण के परिवार की स्थिति की बात की जाए तो उसका एक कमरे का घर है। पिता deepak अलावा मां और एक बहन है। परिवार का पालन पोषण करने के लिए पिता गोलगप्पे का ठेला लगाते हैं। बेटे अरुण ने अन्य साथियों के साथ मिलकर माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ को गोलियों से भून डाला। इसकी जानकारी मिलते ही परिजन के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह गांव छोड़कर कहीं चले गए।
पिता के वीडियो देखते पैरों तले खिसकी जमीन, छूटे पसीने
किसी ने उसे Atiq अतीक और अशरफ की हत्या की खबर शूटर अरुण के पिता दीपक को दी। वारदात की जानकारी करने के लिए वह भी हत्या का वीडियो मोबाइल पर देखने लगा। अचानक वीडियो में कुछ ऐसा दिखा कि उसके पसीने छूटने लगे। वह मोबाइल छोड़कर सीधे घर पहुंचा। पत्नी व बेटी को तैयार होने के लिए कहा। इसके बाद वह गांव छोड़कर चला गया।
पुलिस का सामने गांव वाले साधे रहे चुप्पी साधे
दीपक deepak के गांव में पहुंची बल पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को Arun maurya अरुण मौर्य की फोटो दिखाकर उसका घर के बारे में जानकारी की। ग्रामीणों ने अरुण का घर बताया और पुलिस के पीछे-पीछे मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि माफिया Atiq अतीक और अशरफ की हत्या में अरुण भी शामिल था। यह सुनकर सभी भौचक्के रह गए और धीरे से मौके से जाने लगे। पुलिस ने अरुण के बारे में कुछ जानना चाहा लेकिन कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ ।
पानीपत में अरुण करता था मजदूरी
ग्रामीणों को कुछ देर बात समझ में आया कि दीपक deepak परिवार के साथ गांव छोड़कर क्यों चला गया ? अरुण के पिता का नाम दीपक है। अरुण गांव में नहीं बल्कि पानीपत में रहकर मजदूरी करता था।
मात्र डेढ़ बीघा है जमीन
बताया गया कि अरुण Arun maurya के पिता दीपक deepak के पास मात्र डेढ़ बीघा जमीन है और एक छोटा सा मकान है। अरुण द्वारा हत्या किए जाने की जानकारी मिलने पर वह परिवार के साथ गांव से कहीं चला गया।
गोलगप्पे का ठेला लगाते हैं अरुण के पिता दीपक
बताया गया कि पानीपत में ही अरुण Arun maurya का जन्म हुआ। उस समय उसके पिता दीपक deepak भी अपने पिता के साथ वहीं रहकर मजदूरी करता था। करीब आठ साल पहले दीपक गांव आ गए। यहां आने के बाद कुछ समय तक दीपक ने आटो चलाया लेकिन आटी का एक्सीडेंट होने पर उसने वह चलाना बंद किया और गोलगप्पे का ठेला लगाकर किसी तरह परिवार का पालन पोषण करता था।
छह महीने पूर्व गांव आया था शूटर अरुण मौर्य
बताया जाता है कि करीब छह महीने अरुण Arun maurya गांव आया था। उसके हाथ में फ्रैक्चर था। यहां वह तीन दिन रुका था। इसके बाद वापस लौट गया था। फ्रैक्चर के बारे में जानकारी करने पर पता चला था कि पानीपत में उसका किसी से विवाद हो गया था। उसमें ही हाथ में चोट लगी थी।