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UPI में बड़ा बदलाव 16 जून से 10 सेकंड में ट्रांजेक्शन, 31 जुलाई से बैलेंस चेक पर लिमिट, जानें नए नियम

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Khabarwala 24 News New Delhi: UPI भारत का सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट सिस्टम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब और तेज, स्मार्ट, और सीमित होने जा रहा है। ऑटोरिक्शा के किराए से लेकर मॉल में शॉपिंग तक, UPI ने भारतीयों की जिंदगी को आसान बनाया है। लेकिन पीक ऑवर्स में सर्वर लोड और ट्रांजेक्शन फेल होने की समस्या को देखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बड़े बदलाव लागू किए हैं।

16 जून 2025 से ट्रांजेक्शन समय को 30 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है, और 31 जुलाई 2025 से बैलेंस चेक और अन्य सर्विसेज पर दैनिक सीमाएं लागू होंगी। ये बदलाव यूजर्स को तेज और सुगम अनुभव देने के साथ-साथ सर्वर लोड को कम करने के लिए हैं।

UPI की लोकप्रियता और चुनौतियां

भारत में हर महीने 12 बिलियन से अधिक UPI ट्रांजेक्शन होते हैं, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट सिस्टम बनाता है। GPay, PhonePe, Paytm जैसे ऐप्स के जरिए लोग सेकंडों में पेमेंट करते हैं, लेकिन पीक ऑवर्स (सुबह 10:00-1:00 और शाम 5:00-9:30) में सर्वर पर लोड बढ़ने से सिस्टम कई बार ठप हो जाता है। PWC की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1,000 रुपये के ट्रांजेक्शन पर 2.5 रुपये का खर्च आता है, जो यूजर्स से नहीं वसूला जाता। इस लागत के कारण इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड में कमी आ रही है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए NPCI ने नए नियम लागू किए हैं।

16 जून 2025 से UPI में लागू बदलाव

  • तेज ट्रांजेक्शन: ‘पे’ और ‘कलेक्ट’ ऑपरेशंस का रिस्पॉन्स टाइम 30 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है। इससे पेमेंट्स और कन्फर्मेशन तेज होंगे।
  • सुपरफास्ट रिवर्सल: गलत ट्रांजेक्शन का रिफंड अब पहले से कहीं तेज होगा, जिससे यूजर्स को सुविधा होगी।
  • सर्वर लोड में कमी: कम समय में प्रोसेसिंग से सिस्टम की क्षमता बढ़ेगी और फेल ट्रांजेक्शन कम होंगे।

31 जुलाई 2025 से लागू होने वाली दैनिक सीमाएं

NPCI ने यूजर्स की कुछ आदतों को नियंत्रित करने के लिए नई लिमिट्स तय की हैं, जो 31 जुलाई 2025 से लागू होंगी:

  • बैलेंस चेक: रोजाना 50 बार से ज्यादा बैलेंस चेक नहीं किया जा सकेगा।
  • अकाउंट लिस्ट देखना: अधिकतम 25 बार तक।
  • ऑटो पेमेंट: एक बार ट्राय और 3 रीट्राय (पीक ऑवर्स के बाहर)।
  • पीक ऑवर्स: सुबह 10:00-1:00 और शाम 5:00-9:30 बजे।

इन नियमों को लागू करने के लिए बैंकों और UPI ऐप्स को 31 जुलाई 2025 तक तैयारी पूरी करनी होगी।

बदलावों की जरूरत क्यों?

  • बढ़ते ट्रांजेक्शन: भारत में 2024 में UPI के जरिए 1,200 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए, और 2025 में यह आंकड़ा 1,500 करोड़ तक पहुंच सकता है।
  • सर्वर लोड: पीक ऑवर्स में सर्वर पर 30% ट्रांजेक्शन फेल होने की शिकायतें मिलीं।
  • यूजर अनुभव: तेज और फ्रिक्शनलेस अनुभव के लिए सिस्टम को अपग्रेड करना जरूरी है।
  • लागत प्रबंधन: बिना यूजर्स से शुल्क लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखने के लिए स्मार्ट नियम जरूरी हैं।

यूजर्स के लिए सुझाव

  • आदत बदलें: बार-बार बैलेंस चेक करने से बचें। महीने में एक बार स्टेटमेंट चेक करें।
  • पीक ऑवर्स से बचें: सुबह 10:00-1:00 और शाम 5:00-9:30 के बीच बड़े ट्रांजेक्शन न करें।
  • बैकअप तैयार रखें: GPay, PhonePe के अलावा BHIM या बैंक के मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करें।
  • अपडेट रहें: NPCI और UPI ऐप्स के नोटिफिकेशन चेक करते रहें।

भविष्य में प्रभाव

ये बदलाव UPI को और विश्वसनीय और तेज बनाएंगे। 2026 तक UPI ट्रांजेक्शन की संख्या 2,000 करोड़ प्रतिमाह तक पहुंच सकती है। साथ ही, लागत प्रबंधन से बैंकों और ऐप्स को इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड करने में मदद मिलेगी। यह कदम भारत के डिजिटल इंडिया मिशन को और मजबूत करेगा, जहां कैशलेस अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।

डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम

UPI के नए नियम भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। 16 जून से लागू तेज ट्रांजेक्शन और 31 जुलाई से शुरू होने वाली सीमाएं यूजर्स को अनुशासित और स्मार्ट बनाएंगी। रौनक जैसे यूजर्स को अब थोड़ा सतर्क रहना होगा, लेकिन इसका फायदा उन्हें तेज और सुरक्षित पेमेंट के रूप में मिलेगा। UPI की यह नई पारी डिजिटल भारत को और सशक्त बनाएगी।

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Sheetal Kumar Nehra
Sheetal Kumar Nehrahttps://www.khabarwala24.com/
Sheetal Kumar Nehra एक सॉफ्टवेयर डेवलपर और कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें मीडिया और समाचार सामग्री में 17 वर्षों से अधिक का विभिन्न संस्थानों (अमरउजाला, पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स आदि ) में कंटेंट रइटिंग का अनुभव है । उन्हें वेबसाइट डिजाइन करने, वेब एप्लिकेशन विकसित करने और सत्यापित और विश्वसनीय आउटलेट से प्राप्त वर्तमान घटनाओं पर लिखना बेहद पसंद है।

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