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suryakumar yadav कप्तान बनते ही सूर्यकुमार यादव के सामने खड़े ये तीन चैलेंज, आसान नहीं रोहित की जगह लेना

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Khabarwala 24 News New Delhi: suryakumar yadav स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव 18 जुलाई 2024 की रात कभी नहीं भूलेंगे। हार्दिक पंड्या को दरकिनार करते हुए उन्हें भारतीय टी-२० टीम का कप्तान बना दिया गया। माना जा रहा है कि सूर्या को नए हेड कोच गौतम गंभीर, चीफ सिलेक्टर और पूर्व कप्तान रोहित शर्मा का बैक सपोर्ट है। 27 जुलाई से शुरू होने जा रहे श्रीलंका दौर के लिए चुनी गई टीम को वहां तीन टी-20 और इतने ही वनडे मैच खेलने हैं।

ऐसा नहीं है कि सूर्या पहली बार कप्तान बनाए गए हैं, लेकिन इस बार कहानी जुदा है। टीम मैनेजमेंट उन्हें 2026 में होने वाले अगले टी-20 वर्ल्ड कप तक कप्तान बनाए रखना चाहता है, ऐसे में इस बार उनके सामने अलग चुनौतियां हैं। आइए चलिए एक नजर डालते हैं श्रीलंका दौरे पर उनके सामने आने वाले तीन मुश्किल चैलेंज पर…

खुद को बतौर कप्तान साबित करना होगा​ (suryakumar yadav)

सूर्यकुमार यादव के पास टॉप लेवल पर कप्तानी का बेहद सीमित अनुभव है। अबतक उन्हें सिर्फ सात टी-20 में ही भारत की कप्तानी का मौका मिला है, जिसमें मैन इन ब्लूज ने पांच मैच जीते हैं। सूर्या की अगुवाई में ही टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 4-1 से घरेलू सीरीज हराई थी। इसके बाद साउथ अफ्रीका दौरे पर वह टी-20 सीरीज 1-1 से बराबरी पर खेल कर आए थे। अब अगले छह महीने में पता चल जाएगा कि वह खुद पर किए गए भरोसे पर कितना खरा उतर पाते हैं।

रोहित की जगह भरनी बड़ी चुनौती​ (suryakumar yadav)

श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का चयन ये भी दिखाता है कि चयनकर्ता और कोच सीमित ओवरों के क्रिकेट को नई दिशा देना चाह रहे हैं। रोहित के संन्यास के बाद अब टीम को ऐसे ही कप्तान की जरूरत होगी जो ड्रेसिंग रूम के माहौल का खुशनुमा बनाकर रखे। बीते दो-तीन साल में रोहित शर्मा ही तीनों फॉर्मेट में भारत की कप्तानी कर रहे थे, ऐसे में सूर्या से उन्हीं की तरह सारे खिलाड़ियों को साथ लेकर चलने की क्वालिटी की उम्मीद होगी।

अतिरिक्त जिम्मेदारी का असर बल्लेबाजी पर न पड़े (suryakumar yadav)

कप्तानी की बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद अब सूर्यकुमार यादव की असली अग्निपरीक्षा शुरू होगी। जिम्मेदारी मिलने के बाद कुछ खिलाड़ी बिखरते हैं तो कुछ निखरते हैं। कप्तानी संभालते हुए अबतक सूर्या का बल्ला भी चला है। सात मैच में उन्होंने एक शतक, दो अर्धशतक के साथ 42.85का औसत निकालते हुए 300 रन बनाए हैं। यादव समेत पूरी भारतीय टीम यही चाहेगी कि कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने के बाद उनका फॉर्म भी बरकरार रहे।

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