शूटिंग : ‘आत्मरक्षा’ से ‘ओलंपिक’ तक पहुंचा खेल, जिसने बटोरी वाहवाही

-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
-Advertisement-

नई दिल्ली, 1 नवंबर (khabarwala24)। धनुष-बाण के प्रयोग के बाद शिकार और आत्मरक्षा के लिए बंदूक का इस्तेमाल होने लगा था। 1000 ईस्वी के आसपास चीन में ‘फायर लांस’ जैसे उपकरण सामने आ गए थे। इसके बाद 13वीं शताब्दी तक धातु के बैरल वाली बंदूकों की मदद से लोग अपना निशाना साधने लगे और धीरे-धीरे यही निशानेबाजी शौकिया खेल बनने लगी।

1477 में बवेरिया में पहली बार निशानेबाजी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें ‘मैचलॉक’ हथियारों से निशानेबाजी की गई। 16वीं सदी तक यूरोप में राइफल से निशानेबाजी एक लोकप्रिय शौक बन गई थी।

भारत में 16वीं शताब्दी के दौरान पानीपत के युद्ध में बाबर की सेना ने बंदूकों का इस्तेमाल किया था। 18वीं सदी में निशानेबाजी को जीवित पशु-पक्षियों के बजाय कृत्रिम लक्ष्यों के लिए शौकिया खेल के रूप में खेला जाने लगा।

1859 में नेशनल राइफल एसोसिएशन के गठन के साथ उन देशों में इस खेल की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी, जहां अंग्रेजों का शासन था। इससे शूटिंग में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की नींव पड़ी।

शूटिंग को पहली बार 1896 के एथेंस ओलंपिक में शामिल किया गया था। इसके लिए शूटिंग रेंज बनाया गया। हालांकि, इसे 1904 और 1928 के ओलंपिक खेलों में शामिल नहीं किया गया था। ओलंपिक में इस खेल ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

1896 के ओलंपिक उद्घाटन सत्र में 5 इवेंट से लेकर आज 6 डिसिप्लिन में 15 इवेंट तक, यह खेल फायरआर्म टेक्नोलॉजी में प्रगति के साथ तेजी से विकसित हुआ है।

ओलंपिक प्रतियोगिता में शूटिंग को आमतौर पर राइफल, पिस्टल और शॉटगन में बांटा गया है।

मौजूदा 6 डिसिप्लिन में स्थिर लक्ष्यों के साथ एयर पिस्टल, एयर राइफल, 25 मीटर पिस्टल (पुरुषों के लिए रैपिड फायर) के अलावा, राइफल थ्री पोजीशन (घुटने टेकना, प्रोन, खड़े होना) शामिल है। इनके अलावा, मूविंग क्ले से जुड़े दो अन्य ट्रैप हैं।

भारत में शूटिंग की लोकप्रियता 1990 के दशक के बाद तेजी से बढ़ी। कर्णी सिंह, अभिनव बिंद्रा, राज्यवर्धन सिंह राठौर, गगन नारंग और मनु भाकर जैसे निशानेबाजों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का तिरंगा लहराया है। 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने भारत को शूटिंग में पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाया था, जिसने इस खेल के विकास को नई दिशा दी।

आज शूटिंग भारत के सबसे सफल ओलंपिक खेलों में गिनी जाती है, जहां नई पीढ़ी लगातार विश्व स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। उम्मीद है कि भविष्य में भारत के निशानेबाज ओलंपिक में अपने पदकों की संख्या को बढ़ाएंगे।

Source : IANS

डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

-Advertisement-

Related News

Breaking News

-Advertisement-