नई दिल्ली, 23 सितंबर (khabarwala24)। प्रतिभाशाली भारतीय तैराक आरती साहा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। महज 11 साल 10 महीने की उम्र में उन्होंने ओलंपिक में भाग लेकर इतिहास रचा था। विभिन्न फ्रीस्टाइल और बैकस्ट्रोक इवेंट्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालीं आरती ने 19 साल की उम्र में इंग्लिश चैनल पार करने का कारनामा किया था।
24 सितंबर 1940 में कोलकाता में जन्मीं आरती साहा ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली सबसे युवा भारतीय हैं। आरती ने महज 4 साल की उम्र में तैराकी शुरू कर दी थी। जब आरती 5 साल की थीं, तो उन्होंने पहली बार तैराकी प्रतियोगिता में खिताब जीता।
आरती ने मशहूर तैराक सचिन नाग के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग लेनी शुरू की, जो खुद एशियन गेम्स के चैंपियन और एक ओलंपियन थे। आरती साहा ने फ्रीस्टाइल और ब्रेस्टस्ट्रोक इवेंट में हिस्सा लेते हुए पश्चिम बंगाल में कई प्रतियोगिताएं जीती।
उस दौर में डॉली रुस्तम नजीर को आरती का प्रमुख प्रतिद्वंदी माना जाता था। आरती से करीब 5 साल बड़ी डॉली उस समय की नेशनल रिकॉर्ड होल्डर थीं। साल 1948 में नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने आरती को शिकस्त दी थी।
करीब तीन साल बाद, साल 1951 में आरती साहा ने 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में नेशनल रिकॉर्ड हासिल किया। साल 1952 में ओलंपिक के लिए भारतीय दल में डॉली नजीर और आरती साहा को चुना गया था।
26 जुलाई 1952 को हेलसिंकी ओलंपिक में आरती साहा महिलाओं की 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक हीट में उतरीं। वह 3:40.8 सेकेंड के साथ हीट में छठे स्थान पर रहीं, लेकिन सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में कामयाब नहीं हो सकीं। इसी के साथ वह सबसे युवा भारतीय ओलंपियन बन गईं।
आरती साहा इंग्लिश चैनल को पार करने वाली पहली एशियन महिला एथलीट हैं। आरती बांग्लादेशी तैराक ब्रोजेन दास से प्रेरित थीं, जो साल 1958 में इंग्लिश चैनल पार करने वाले पहले एशियाई एथलीट बने थे।
आरती साहा ने अगस्त 1959 में पहला प्रयास किया था, लेकिन अपने लक्ष्य से चूक गईं। इसके बाद 29 सितंबर 1959 को उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 16 घंटे 20 मिनट तक तैरने के बाद 42 मील की दूरी तय करते हुए इंग्लिश चैनल पार किया।
आरती साहा को साल 1960 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया। वह पद्मश्री पाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं। 23 अगस्त 1994 को दिग्गज एथलीट ने दुनिया को अलविदा कह दिया। साल 1998 में उनके सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया गया।
आरती साहा उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो खेल में उत्कृष्टता हासिल करना चाहते हैं। आरती साहा की उपलब्धियां भारतीय तैराकी में नए मानक स्थापित करती हैं।
Source : IANS
डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।
Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।