नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (khabarwala24)। आर्चरी प्रीमियर लीग 2025 का आयोजन भारतीय तीरंदाजी संघ ने किया, जिसमें दुनियाभर के कई सर्वश्रेष्ठ तीरंदाजों ने अपनी चमक बिखेरी। इस लीग में छह टीमों ने हिस्सा लिया, जिनमें कुल 48 तीरंदाज शामिल थे। इनमें 36 भारतीय और 12 विदेशी थे।
आर्चरी प्रीमियर लीग (एपीएल) में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एक साथ खेले, जिसमें युवा तीरंदाजों को अपनी क्षमता दिखाने का अवसर मिला। इनमें कुछ विदेशी दिग्गज भी शामिल थे, जिससे भारतीय खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय मुकाबलों का अनुभव मिला। इसने यकीनन उनके प्रदर्शन और मानसिक मजबूती को बेहतर बनाने में मदद की।
आर्चरी प्रीमियर लीग 2025 का पहला राउंड-रॉबिन चरण 2-6 अक्टूबर और दूसरा 7-11 अक्टूबर के बीच आयोजित किया गया। इस दौरान प्रत्येक प्लेइंग लाइनअप में कम से कम एक विदेशी तीरंदाज को शामिल किया गया था, जिन्होंने मिश्रित रिकर्व और कंपाउंड तीरंदाजी स्पर्धाओं में हिस्सा लिया।
आर्चरी प्रीमियर लीग 2025 में दो राउंड-रॉबिन चरण हुए, जिसके बाद नॉकआउट मुकाबलों का आयोजन किया गया, जिनमें सेमीफाइनल और फाइनल शामिल थे।
राउंड-रॉबिन चरण में रोजाना तीन मुकाबलों का आयोजन हुआ। फ्लडलाइट में खेली गई प्रत्येक प्रतियोगिता 20 मिनट की हुई। इसमें प्रत्येक तीरंदाजी के लिए 15 सेकंड का समय दिया गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में यह समय 20 सेकंड होता है।
इस लीग में एरो शूटिंग की दूरी ओलंपिक मानक के अनुरूप ही थी। रिकर्व के लिए 70 मीटर, जबकि कंपाउंड के लिए 50 मीटर के लिए दूरी तय की गई।
आर्चरी प्रीमियर लीग (एपीएल) में इन छह टीमों ने राउंड-रॉबिन चरण में एक-दूसरे का सामना किया। दोनों राउंड-रॉबिन चरणों के बाद शीर्ष चार टीमें नॉकआउट चरण में पहुंची, जिसके बाद सेमीफाइनल और फाइनल खेले गए। राजस्थान की टीम राजपूताना रॉयल्स ने दिल्ली की पृथ्वीराज योद्धा को हराकर गोल्डन ट्रॉफी अपने नाम की।
तीरंदाजी की जड़े बहुत पुरानी हैं। मध्य पाषाण युग के उत्तरार्ध से धनुष-बाण का प्रयोग होता था, लेकिन ओलंपिक ने इसे आधुनिक खेल के रूप में लोकप्रिय बनाया। 1900, 1904, 1908 और 1920 के ओलंपिक में तीरंदाजी को शामिल किया गया। ओलंपिक 1904 में यह महिलाओं की स्पर्धाओं को शामिल करने वाले पहले खेलों में से एक था। लेकिन तीरंदाजी के प्रारूप असंगत थे। यह अक्सर स्थानीय नियमों पर आधारित होते थे। ऐसे में तीरंदाजी को ओलंपिक से हटा दिया गया।
इसके बाद साल 1931 में विश्व तीरंदाजी की स्थापना की गई, ताकि इस खेल को फिर से ओलंपिक में लाया जा सके। 52 साल के इंतजार के बाद आखिरकार, 1972 में म्यूनिख ओलंपिक गेम्स में एक बार फिर यह तीरंदाजी लौटी। अगले ही साल 1973 में भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) की स्थापना हुई।
ओलंपिक खेलों के तीरंदाजी इवेंट में 1972 से 1984 तक व्यक्तिगत स्पर्धाएं रहीं। इसके बाद 1988 में टीम स्पर्धाएं जोड़ी गईं। 2020 में मिश्रित टीम स्पर्धा को भी शामिल किया गया। भारत ने ओलंपिक में अब तक तीरंदाजी के खेल में एक भी मेडल नहीं जीता है। उम्मीद की जा रही है कि आर्चरी प्रीमियर लीग के जरिए भारतीय तीरंदाज को वैश्विक प्लेटफॉर्म पर बेहतर करने के लिए अच्छा बूस्ट मिला है।
एपीएल को न सिर्फ सोशल मीडिया, बल्कि टीवी कवरेज और स्पॉन्सरशिप भी मिली। उम्मीद की जा रही है कि क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल और कबड्डी की तरह इस तीरंदाजी के खेल की ब्रांडिंग के जरिए इस खेल को आम जनता के बीच अधिक लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
इस लीग ने खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से भी मदद की है। उन्हें कॉन्ट्रैक्ट के साथ प्राइज मनी भी मिली। यह मदद उन्हें पेशेवर तरीके से तीरंदाजी को अपनाने का अवसर देगी।
इस लीग के दौरान खिलाड़ियों ने उच्च दबाव वाले मुकाबलों का अनुभव किया, जो उन्हें ओलंपिक, एशियन गेम्स और विश्व चैंपियनशिप के लिए तैयार करेगा। इस लीग की वजह से ट्रेनिंग सेंटर, कोचिंग सुविधाएं और आधुनिक तकनीक में निवेश बढ़ने की उम्मीद है, जिससे भारत में तीरंदाजी का विकास होगा।
Source : IANS
डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।
Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।