Khabarwala 24 News New Delhi : विराट कोहली ने 12 मई को अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था। इसके बाद से ही फैंस इसकी वजह ढूंढ रहे हैं। वहीं क्रिकेट एक्सपर्ट अपना अनुमान लगा रहे हैं लेकिन किसी को भी नहीं मालूम कि आखिर कोहली क्यों टेस्ट क्रिकेट से दूर हो गए। अब पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान और दिग्गज क्रिकेटर मार्क टेलर ने अपना अलग नजरिया पेश किया।
उन्होंने कोहली के संन्यास की इनसाइड स्टोरी बताई है। उनका मानना है कि कोहली पिछले कुछ सालों से इस फॉर्मेट में संघर्ष कर रहे थे। इस वजह से गुस्से में थे और धीरे-धीरे ये खतरनाक होता जा रहा था। इसकी झलक ऑस्ट्रेलिया में हुए बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी देखने को मिली थी इसलिए उनका यह फैसला ठीक है।
विराट कोहली के फैसले को लेकर क्या कहा?
मार्क टेलर ने कहा, “विराट 36 साल के हैं और ईमानदारी से कहूं तो पिछले तीन या चार साल उनके लिए अच्छे नहीं रहे हैं। मुझे लगता है कि पिछले 5 सालों में उन्होंने करीब 3000 रन बनाए हैं इसलिए वह अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस दौर में वो टेस्ट क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। मैं हमेशा से विराट कोहली का बड़ा प्रशंसक रहा हूं। उनकी आक्रामकता गुस्से में बदल गई थी।
लगता है कि विराट के लिए समय सही
जब मैंने सैम कोंस्टस के साथ उनकी झड़प देखी तो मुझे लगा कि ये चिंता वाली बात है। टेलर ने आगे कहा, “जब आक्रामकता गुस्से में बदल जाती है तो यह एक चिंताजनक संकेत है। आप समझ जाइये कि दूर होने का समय आ गया है इसलिए मुझे लगता है कि विराट के लिए समय सही है, जरूरी नहीं कि भारतीय क्रिकेट के लिए सही हो, क्योंकि वो एक साथ रोहित और विराट को खो देंगे लेकिन हर अच्छी चीज का अंत होना है इसलिए पूरी तरह खत्म हो जाए, बाहर निकल जाओ।
विराट कोहली की सफलता और संघर्ष
विराट कोहली ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में शतक के साथ शुरुआत की थी। उन्होंने पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में शतक ठोका था लेकिन इसके बाद से वो लगातार संघर्ष करते नजर आए। उन्होंने इस सेंचुरी के अलावा खेली गई 8 पारियों में सिर्फ 90 रन ही बनाए। इस दौरान वो एक ही तरीके से बार-बार आउट होते हुए दिखे थे। उनका ये हाल पिछले कुछ सालों से है। इससे उनका औसत गिरकर 46.85 पर आ गया था।
ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट सीरीज जीती
हालांकि, ओवरऑल उनके करियर को देखें तो उन्होंने इस फॉर्मेट को पूरी तरह बदलकर रख दिया था। कोहली ने ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट बल्कि दुनिया में अपना प्रभाव छोड़ा था। कप्तानी में टीम इंडिया 2018-19 में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर अपनी पहली टेस्ट सीरीज दर्ज की। वहीं कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी, जिसमें सिर्फ 17 में हार का सामना करना पड़ा। 40 जीत और 11 ड्रॉ के साथ जीत प्रतिशत 58.82 है, जो उन्हें भारत के इतिहास में सफल टेस्ट कप्तान बनाता है।