Khabarwala 24 News New Delhi : Skoda Slavia B Electric Bike कारों के लिए मशहूर स्कोडा (Skoda) ने एक बार फिर अपने शानदार इतिहास को रिफ्रेश कर दिया है, लेकिन इस बार एक दमदार और आकर्षक अंदाज में किया है। कंपनी ने हाल ही में स्लाविया B इलेक्ट्रिक कैफे रेसर (Slavia B Electric Cafe Racer) कॉन्सेप्ट बाइक का खुलासा किया है, जो न सिर्फ देखने में अनोखी है, बल्कि स्कोडा (Skoda) के 125 साल पुराने इतिहास को भी जिंदा करती है।
रेट्रो लुक, फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी (Skoda Slavia B Electric Bike)
1899 में Laurin & Klement ने Slavia B नाम की एक 240cc पेट्रोल बाइक लॉन्च की थी। यह यूरोप में अपनी रेसिंग परफॉर्मेंस और भरोसेमंद इंजन के लिए मशहूर थी। बाद में इस ब्रांड का विलय स्कोडा (Skoda) में हुआ और कंपनी ने कार मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में रुख किया। नई स्लाविया B (Slavia B) उसी ऐतिहासिक बाइक का इलेक्ट्रिक ट्रिब्यूट है, लेकिन इसमें इलेक्ट्रिक पावर और मॉडर्न डिजाइन का तड़का जुड़ा हुआ है।
बाइक के डिजाइन की खास बातें (Skoda Slavia B Electric Bike)
सीट, हैंडल ग्रिप्स, फुटरेस्ट और टूल बैग – सब कुछ रेट्रो फील देने के लिए असली ब्राउन लेदर में मिलेगा। सीट और Laurin & Klement का लोगो बाइक फ्रेम से ‘तैरते’ हुए लगते हैं, जिससे बाइक को एक आर्ट पीस जैसा रूप मिलता है। USD फ्रंट फोर्क्स, स्लिक टायर्स, रेक्टैंगल शेप वाले स्पोक्स, शार्प एलईडी हेडलाइट एंड DRLs, फ्रंट में ‘SKODA’ लोगो। हालांकि, बाइक दिखने में शानदार है, लेकिन इसकी “कैफे रेसर” स्टाइल राइडिंग पोजिशन थोड़ी अनकम्फर्टेबल है।
स्लाविया B (1899) की झलक (Skoda Slavia B Electric Bike)
फिलहाल, इस बाइक को लॉन्च नहीं किया जाएगा। यह एक खास कॉन्सेप्ट मॉडल है, जिसे फ्रेंच डिजाइनर Romain Bucaille ने तैयार किया है। शुरुआत पेंसिल स्केच से हुई और फिर 3D मॉडलिंग टूल्स की मदद से इसे मूर्त रूप दिया गया। इसमें 240cc, सिंगल सिलेंडर एयर-कूल्ड इंजन मिलता है, जो 1.75HP की पावर जेरनेट करने में सक्षम है। इसकी टॉप स्पीड 40 km/h है। इसके ट्रांसमिशन या गियरबॉक्स नहीं था।
इतिहास-भविष्य की मिसाल (Skoda Slavia B Electric Bike)
इसमें पेडल से स्टार्ट और सपोर्ट मिलता था। इसके प्रोडक्शन की बात करें तो कुल 540 यूनिट्स (1899 से 1904 तक) का प्रोडक्शन किया गया था। स्कोडा स्लाविया B (Skoda Slavia B) इलेक्ट्रिक कॉन्सेप्ट सिर्फ एक बाइक नहीं है, यह इतिहास और भविष्य के मेल की मिसाल है। यह हमें याद दिलाती है कि इनोवेशन सिर्फ नए से नहीं, पुराने को सम्मान देने से भी आता है।