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Sanskrit भारत के इन गांवों में बोली जाती है संस्कृत, हर घर में मिल जाएंगे डाक्टर, इंजीनियर

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Khabarwala 24 News New Delhi: Sanskrit भारत में संस्कृत का इतिहास बहुत पुराना है। इस भाषा से निकली अन्य भाषाओं ने तो अपनी जगह बना ली, लेकिन धीरे-धीरे ये लोगों के बोलचाल से गायब हो गई। अब अमूमन पूजा-पाठ के मंत्रों में ही संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाता हैै।आपको जानकर आश्चर्य हो कि अब भी भारत के कुछ गांव ऐसे हैं जहां संस्कृत भाषा ही बोलचाल की मुख्य भाषा है।

किन गांवों में आज भी बोली जाती है संस्कृत (Sanskrit)

संस्कृत भाषा का जनक महर्षि पाणिनी थे। माना जाता है भारत में पुरात्व में संस्कृत ही बोलचाल की भाषा हुुआ करती थी। फिर धीरे-धीरे इसी भाषा से निकली हिंदी भाषा ने अपनी जगह कब बना ली किसी को पता भी नहीं चला। चलिए जानते हैं कि आज केे समय में संस्कृत को मुख्य भाषा के तौर पर इस्तेमाल करने वाली जगह कौन-कौनसी हैं।

मत्तूर- Sanskrit कर्नाटक के मत्तूर में आज भी लोग संस्कृत में बात करते हैं। गंगा नदी के तट पर स्थित मत्तूर के लोगों की प्रथम भाषा यही है। दिलचस्प बात ये है कि यहां आपको हर घर में डॉक्टर और इंजीनियर मिल जाएंगे।

झिरी- Sanskrit मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित झिरी में बच्चे-बुजुर्ग सभी संस्कृत में बातचीत करते हैं। यहां के लोगों की प्रथम भाषा यही है।

सासन- Sanskrit ओडिशा के गुर्दा जिले में स्थित सासन संस्कृत गीतकार जयदेव का जन्म स्थल है। इस गांव में भी लोगों की मुख्य भाषा संस्कृत है और हर घर का व्यक्ति इसी भाषा में बातचीत करता है।

बघुवार- Sanskrit  मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में स्थित बघुवार में आज भी एक-दूसरे से संस्कृत भाषा में ही बात करते हैं। कभी आप जाएंगे तो यहां हर व्यक्ति आपको संस्कृत में बात करता हुआ मिल जाएगा।

गनोडा- Sanskrit राजस्थान के बंसवाड़ा में स्थित गनोडा में प्राथमिल भाषा संस्कृत ही है। यहां बच्चों से लेकर बूढ़े तक संस्कृत में आपस में बातचीत करते हैं।

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