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Worship Maa Kalratri नवरात्रि के सातवें दिन Maa Kalratri की करें उपासना, जानें पूजन विधि, मंत्र, भोग और महाउपाय

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Khabarwala 24 News New Delhi : Worship Maa Kalratri माँ कालरात्रि नवदुर्गा का सातवां स्वरुप हैं , जो काफी भयंकर है। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस दिन भक्त श्रद्धा भाव से मां की चरणों में अपना शीश नवाते हैं। इनका रंग काला है और ये तीन नेत्रधारी हैं. मां कालरात्रि के गले में विद्युत की अद्भुत माला है. इनके हाथों में खड्ग और काँटा है. और इनका वाहन गधा है। ये भक्तों का हमेशा कल्याण करती हैं। अतः इन्हें शुभंकरी भी कहते हैं।

मां कालरात्रि पूजा का लाभ | Worship Maa Kalratri

शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए इनकी उपासना अत्यंत शुभ होती है। इनकी उपासना से भय,दुर्घटना तथा रोगों का नाश होता है। इनकी उपासना से नकारात्मक ऊर्जा का ( तंत्र मंत्र) असर नहीं होता। ज्योतिष में शनि नामक ग्रह को नियंत्रित करने के लिए इनकी पूजा करना अद्भुत परिणाम देता है।

मां की विधिवत पूजा अर्चना | Worship Maa Kalratri

मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं। मां को लाल फूल अर्पित करें, साथ ही गुड़ का भोग लगाएं. मां के मंत्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें। लगाए गए गुड़ का आधा भाग परिवार में बाटें। बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर दें। काले रंग के वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पूजा न करें।

करें मां कालरात्रि की पूजा | Worship Maa Kalratri

श्वेत या लाल वस्त्र धारण करके रात्रि में माँ कालरात्रि की पूजा करें। इसके बाद 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएँ और एक-एक लौंग चढाते जाएँ. नवार्ण मंत्र है – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ” उन 108 लौंग को इकठ्ठा करके अग्नि में डाल दें। आपके विरोधी और शत्रु शांत होंगे।

मां कालरात्रि का महाउपाय | Worship Maa Kalratri

नवरात्रि में किसी भी रात्रि को मां लक्ष्मी की पूजा करें। उन्हें गुलाब का फूल अर्पित करें और दीपक जलाएं। इसके बाद सोलह बार श्री सूक्तम का पाठ करें। आपकी धन संबंधी समस्याएं दूर होंगी।

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