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Shravan Maas श्रावण माह में शिव कृपा पाने के विशेष नियमों का करना पड़ता है पालन, क्यों नहीं खानी चाहिए कढ़ी, जानें इसके पीछे का कारण

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Khabarwala 24 News New Delhi : Shravan Maas श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। इस दौरान जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि विभिन्न कार्य किए जाते हैं ताकि भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सके। श्रावण माह को लेकर कुछ विशेष नियम भी बताए गए हैं। पुराण इन नियमों का पालन करने की सलाह देते हैं। ऐसे में इस दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए यह भी बताया गया है। श्रावण मास में कढ़ी खाना वर्जित है। आइए जानें ऐसा क्यों होता है…

आखिर कढ़ी क्यों नहीं खानी चाहिए (Shravan Maas)

श्रावण माह में कढ़ी नहीं खाई जाती क्योंकि इस माह में भगवान शिव को दूध और दही अर्पित किया जाता है। ऐसे में कच्चे दूध और उससे बने उत्पादों का सेवन वर्जित है। यही कारण है कि सावन में दूध और दही से बनी चीजें खाने की मनाही है। इसके अलावा इससे सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. वैज्ञानिक दृष्टि से श्रावण मास में कढ़ी खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

कढ़ी न खाने का वैज्ञानिक कारण (Shravan Maas)

वैसे भी कई तरह की सब्जियां हैं जिन्हें इस दौरान न खाने की सलाह दी जाती है। ऐसी सब्जियों के सेवन से शरीर में पित्त बढ़ाने वाले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। कहा जाता है कि बारिश के कारण हरी और पत्तेदार सब्जियों में कीट लगने की आशंका रहती है। इससे सेहत खराब हो सकती है.बरसात के मौसम में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिसके कारण दूध से बनी चीजों का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

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