CLOSE AD

Raksha Bandhan 29 साल बाद विशेष योग, बहनें पूरे दिन भाई को राखी बांध सकेंगी

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

Khabarwala 24 News New Delhi: Raksha Bandhan रक्षाबंधन का त्योहार इस साल और भी खास रहने वाला है। ज्योतिष गणना के मुताबिक इस बार पूरे दिन बहनें अपने भाइयों को किसी भी समय राखी बांध सकती हैं। सबसे बड़ी राहत यह कि सात साल बाद रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं लगेगी। इतना ही नहीं, 29 साल बाद बन रहा समसप्तक योग इस पर्व को और शुभ बना रहा है। इसके साथ ही विशिष्ट मुहूर्त और 10 फलदायी योग भी बन रहे हैं, जो दिनभर राखी बांधने और शुभ कार्य करने के लिए उपयुक्त माने जा रहे हैं।

क्या है खास: भद्रा नहीं, पूरे दिन शुभ समय (Raksha Bandhan)

आमतौर पर रक्षाबंधन पर भद्रा का ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि भद्रा के समय राखी बांधना अशुभ माना जाता है। मगर इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा। पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा। यानी बहनें सुबह से रात तक किसी भी समय अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। परिवारों में इस वजह से उत्साह और बढ़ गया है, क्योंकि बहनों को शुभ मुहूर्त का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

29 साल बाद समसप्तक योग, क्यों है खास

इस रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर समसप्तक योग बन रहा है, जो 29 साल बाद दिखाई दे रहा है। ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि समसप्तक योग में ग्रह विशेष स्थिति में आते हैं, जिससे शुभ फल बढ़ते हैं। भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास, सुरक्षा और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा योग रक्षा-सूत्र बांधने, संकल्प लेने, दान-पुण्य और परिवारिक मंगल कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है।

विशिष्ट मुहूर्त और 10 शुभ योग

इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan)पर केवल समसप्तक ही नहीं, बल्कि 10 तरह के फलदायी योग भी बन रहे हैं। ये योग दिनभर के अलग-अलग समय पर शुभ परिणाम देने वाले हैं। माना जा रहा है कि इन योगों से भाई-बहन के संबंध और मजबूत होंगे और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ेगी। इन योगों में शुभ, अमृत और लाभ की घड़ियां शामिल रहेंगी, जिनमें पूजन, तिलक, आरती और रक्षा-सूत्र बांधना उत्तम रहेगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि जो परिवार सामूहिक रूप से पूजा करेंगे, उन्हें विशेष सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिलेगा।

राखी का महत्व और परंपरा (Raksha Bandhan)

राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि विश्वास, सुरक्षा और प्रेम का प्रतीक है। बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, और भाई बहन की रक्षा का वचन देता है। इस दिन बहनें तिलक करती हैं, आरती उतारती हैं और मिठाई खिलाती हैं। कई घरों में इस मौके पर माताएं भी परिवार की सुख-शांति के लिए विशेष पूजन करती हैं।

क्या करें, क्या न करें: आसान सुझाव

1) पूजा का सामान पहले से तैयार रखें: रोली, चावल, राखी, दीपक, मिठाई और कलावा थाली में सजा लें।
2) राखी बांधते समय दिशा: भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बिठाना शुभ माना जाता है।
3) मंत्र और आशीर्वाद: साधारण तरीके से “दीर्घायु भव” या “खुश रहो, तरक्की करो” जैसे आशीर्वाद भी प्रभावी हैं।
4) दान-पुण्य: संभव हो तो जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या मिठाई दान करें।
5) क्या न करें: भद्राभाव नहीं होने के बावजूद, क्रोध, कटु वचन और विवाद से बचें। त्यौहार प्रेम से मनाएं।

बाजारों में रौनक: रंग-बिरंगी राखियां और त्योहार की खुशियां

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan)से पहले बाजारों में काफी रौनक देखने को मिल रही है। मेरठ, दिल्ली, लखनऊ, जयपुर जैसे शहरों में बहनें भाईयों के लिए तरह-तरह की राखियां खरीद रही हैं—जरी, कलाई-बैंड, कस्टम नाम वाली राखियां और किड्स कैरेक्टर वाली राखियां भी खूब पसंद की जा रही हैं। मिठाइयों की दुकानों पर गुलाब जामुन, काजू कतली और मिल्क केक की खूब बिक्री हो रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी रिटर्न गिफ्ट्स और राखी कॉम्बो पर ऑफर चल रहे हैं।

विदेश में रहने वाले भाई-बहन भी जुड़े

जो बहनें अपने भाइयों से दूर हैं, वे ई-राखी और कुरियर के जरिए अपने प्यार का संदेश भेज रही हैं। वीडियो कॉल पर तिलक और आरती करने की परंपरा भी अब सामान्य हो चुकी है। कई परिवार शाम को एक साथ ऑनलाइन जुड़कर राखी मनाते हैं, ताकि रिश्तों की डोर मजबूती से बंधी रहे।

धार्मिक और सांस्कृतिक संदेश

रक्षाबंधन केवल भाइयों और बहनों का त्योहार नहीं, बल्कि समाज में एक-दूसरे की सुरक्षा और सम्मान का संदेश भी देता है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि रिश्ते भरोसे से बनते हैं और निभाए जाते हैं। इस बार जब इतने शुभ योग बन रहे हैं, तो परिवार के साथ बैठकर भोजन करना, बड़ों का आशीर्वाद लेना और छोटे बच्चों को संस्कार सिखाना भी बहुत अच्छा माना गया है।

निष्कर्ष: पूरे दिन रहेगी शुभता, मनाएं प्यार और सुरक्षा का पर्व

इस रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं है, समसप्तक और अन्य शुभ योग साथ दे रहे हैं। यानी बहनें दिनभर कभी भी राखी बांध सकती हैं। त्योहार को प्रेम, सादगी और साथ के साथ मनाएं। मिठास घोलें, गिले-शिकवे मिटाएं और रिश्तों को नई मजबूती दें। यही इस पर्व का असली संदेश है।

 

Disclaimer : यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Khabarwala 24 News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Post

Breaking News