CLOSE AD

Janmashtami Puja Muhurat आधी रात में इस समय जरूर कर लें लड्डू गोपाल की पूजा, बस इतनी देर है शुभ मुहूर्त

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

Khabarwala 24 News New Delhi:  Janmashtami Puja Muhurat भगवान श्रीकृष्ण दुनिया के सबसे बड़े लीलाधर रहे हैं। साल 2024 की जन्माष्टमी के मौके पर भी उन्होंने अपनी लीला रच दी है। इस साल 26 अगस्त, 2024 को मनाई जा रही जन्माष्टमी पर वही शुभ योग संयोग बन रहे हैं, जो आज से 5251 साल पहले द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय बने थे।

इन शुभ योगों के महासंयोग से इस बार की जन्माष्टमी बेहद फलदायी बन गई है। चलिए जानते हैं, लड्डू गोपाल के जन्मदिन के मौके पर क्या-क्या शुभ संयोग बन रहे हैं और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, ताकि अधिक से अधिक पुण्यलाभ उठा सकें?

द्वापर युग जैसे जन्माष्टमी बन रहे हैं संयोग (Janmashtami Puja Muhurat)

द्वापर युग में जब मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, उस दिन सोमवार भी सोमवार था और आकाश में रोहिणी नक्षत्र के साथ योग बना था। चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर कर रहे थे। रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि, स्वार्थ सिद्धि योग, वृषभ में स्थित चंद्रमा के संयोग से जयंती योग बना था। वही योग 5251 साल बाद श्रीकृष्ण के जन्मदिन 2024 के मौके पर बन रहे है। इससे इस योग में पूजा और व्रत का महत्व कई गुना बढ़ गया है।

जयंती शुभ योग में हुआ था जन्म (Janmashtami Puja Muhurat)

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपने आठवें अवतार में भगवान कृष्ण के रूप आज से 5251 साल पहले माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था। द्वापर युग में भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आधी रात में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म सोमवार के दिन जयंती नामक शुभ योग हुआ था।

भाद्रपद कृष्ण पक्ष 2024 अष्टमी तिथि (Janmashtami Puja Muhurat)

हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की सोमवार 26 अगस्त को ब्रह्म मुहुर्त में 3 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी और 27 अगस्त की रात 2 बज कर 19 पर समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि के आधार पर जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा 26 को हो रही है।

जन्माष्टमी 2024 का पूजा मुहूर्त (Janmashtami Puja Muhurat)

ज्योतिषीय और धामिक मान्यताओं के अनुसार, जयंती योग में पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जहां तक जन्माष्टमी पर पूजा की बात है, तो यह रात के 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस 44 मिनट दौरान भगवान कृष्ण की पूजा कर लेने से मनोकामनाएं पूरी होंगी।

मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में की गई पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि माना जाता है कि इस समय भगवान विशेष रूप से अपने भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं। जन्माष्टमी के दिन की गई पूजा से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related Post

Breaking News