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Badrinath Kumbh Mela 2025 बद्रीनाथ के उद्धम स्थल माणा में सरस्वती नदी के किनारे होने जा रहा दूसरा कुंभ मेला, इतने साल बाद बने खास संयोग

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Khabarwala 24 News New Delhi : Badrinath Kumbh Mela 2025 बद्रीनाथ उत्तराखंड के चार धामों में से एक, भगवान विष्णु के पवित्र निवास स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। बद्रीनाथ के उद्धम स्थल माणा में सरस्वती नदी के किनारे मेला आयोजित होने जा रहा है जो इस साल की चार धाम यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए और भी ज्यादा खास बनाएगा। वर्ष 2025 में यहाँ पुष्करालु का विशेष योग बन रहा है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी और दुर्लभ माना जाता है। 12 सालों बाद ये खास योग बन रहे है और कुंभ मेले में दक्षिण भारत के सैकड़ों आचार्य शामिल हो सकते हैं।

माणा गांव में सरस्वती नदी का उद्गम है (Badrinath Kumbh Mela 2025)

प्रत्येक 12 वर्षों के बाद मिथुन राशि के बृहस्पति के प्रारंभ होने पर बद्रिकाश्रम में पुष्कर कुंभ का अयोजन होता है। ये सरस्वती नदी के उद्गम पर आयोजित होता है। बता दें कि, उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम से कुछ ही दूरी पर स्थित देश के पहले गांव माने जाने वाले माणा गांव में सरस्वती नदी का उद्गम है। जहां सरस्वती नदी महज 1 किमी के दायरे में बहती है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहीं पर वेदव्यास जी ने महाभारत ग्रंथ की रचना की थी।

दिव्य बद्रीनाथ पुष्करालु कुंभ मेला 2025 (Badrinath Kumbh Mela 2025)

यहां पर गणेश गुफा और व्यास पोथी भी है, और इसी जगह पर दिव्य बद्रीनाथ पुष्करालु मेला आयोजित होगा। बद्रीनाथ पुष्कर कुंभ मेला इस साल 15 मई से शुरू होने वाला है, वहीं ये मेला 25 मई तक जारी रहेगा। बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने बताया कि, दक्षिण भारतीय आचार्यों की परंपरा में हर 12 साल के बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है। पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पुष्कर कुंभ मेला, शुरू हो गई तैयारियां (Badrinath Kumbh Mela 2025)

भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलने के बाद मई माह में 10 दिनों के लिए पुष्कर कुंभ मेला होगा। इस भव्य आयोजन के लिए मंदिर समिति के साथ साथ स्थानीय लोगों ने भी विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 को शुरू होने में महज 9 दिन बचे हैं। आगामी 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो जाएगी। बाबा केदार के कपाट 2 मई और 4 मई को बदरी विशाल के कपाट खोल दिए जाएंगे।

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