Khabarwala 24 News New Delhi : 2025 Janaki Jayanti जानकी जयंती को सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जानकी जयंती मनाई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस तिथि पर राजा जनक को सीता जी की प्राप्ति हुई थी और सीता जी को अपनी कन्या के रूप में स्वीकार किया था। विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। कहते हैं कि दिन माता सीता और भगवान राम की विधिपूर्वक पूजा करने से घर-परिवार में सुख-शांति और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।
कब है जानकी जयंती? (2025 Janaki Jayanti )
वैदिक पंचांग के अनुसार, जानकी जयंती यानी फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत गुरुवार 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर होगी। वही तिथि का समापन 21 जनवरी को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर होगा। ऐसे में जानकी जयंती 20 फरवरी गुरुवार को मनाई जाएगी।
जनकी जयंती पूजा विधि (2025 Janaki Jayanti )
जानकी जयंती पर माता जानकी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें और माता सीता का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। उसके बाद मंदिर में चौकी सजाकर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें और माता सीता और प्रभु श्रीराम की प्रतिमा इस चौकी पर स्थापित करें।
व्रत कथा पढ़ें, भोग लगाएं (2025 Janaki Jayanti )
इसके बाद रोली, अक्षत और फूल आदि अर्पित करें। माता जानकी के समक्ष हाथ जोड़कर जानकी जयंती की व्रत कथा पढ़ें फिर माता जानकी के मंत्रों का जाप करें और माता जानकी की आरती करने के पश्चात भोग लगाकर पूजा संपन्न करें।
माता सीता के मंत्र (2025 Janaki Jayanti )
श्री सीतायै नम:
श्रीरामचन्द्राय नम:
श्री रामाय नम:
ॐ जानकीवल्लभाय नमः
श्रीसीता-रामाय नम:
जानकी जयंती का महत्व (2025 Janaki Jayanti )
हिंदू धर्म में माता सीता को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इस दिन माता सीता की पूजा करके मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इस दिन लोग पूरे दिन व्रत भी रखते हैं। साथ ही माता सीता और प्रभु श्रीराम की पूजा करते हैं। जानकी जयंती का व्रत करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।















