Khabarwala 24 News New Delhi : Prasad Chunri Received Temple मंदिर से प्रसाद के रूप में मिलने वाली चुनरी कोई साधारण कपड़ा नहीं होता है। यह भगवान के स्पर्श से होकर आता है। ऐसे में प्रसाद में मिली चुनरी को हमेशा श्रद्धा और सम्मान के साथ रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि मंदिर से मिलने वाली हर वस्तु में सकारात्मक ऊर्जा होती है। मंदिर जाना और भगवान के सामने माथा टेकना खूब सुकून देता है। कई बार मंदिर में पुजारी भगवान के सामने रखा प्रसाद, फूल या चुनरी भक्तों को आशीर्वाद के तौर पर देते हैं।
यही वजह है कि मंदिर से प्रसाद के रूप में मिलने वाले भोग, फूल माला या चुनरी को भक्त और श्रद्धालु माथे-आंखों से लगाते, गले में पहनते और चूमकर अपने पास रख लेते हैं लेकिन, असली जद्दोजहद मंदिर से लौटने के बाद होती है। मंदिर से लौटने के बाद प्रसाद हम ग्रहण कर लेते हैं, फूल या माला को भी सूखने के बाद खाद बनाकर पेड़-पौधों में डाल देते हैं। इसके अलावा भी आप मंदिर से चुनरी का कई जगह इस्तेमाल कर सकती हैं।
अलमारी-तिजोरी में रखें (Prasad Chunri Received Temple)
मंदिर से मिली चुनरी को भगवान का आशीर्वाद समझकर आप अपनी अलमारी या तिजोरी में भी रख सकती हैं। इससे सुख-समृद्धि घर में बनी रहती है। जब घर के किसी व्यक्ति पर कोई संकट या बीमारी आती है, तब उसके सिर पर मंदिर से मिली चुनरी फेरनी चाहिए और उसके माथे और आंखों से लगानी चाहिए।
घर के मंदिर में इस्तेमाल (Prasad Chunri Received Temple)
प्रसाद के तौर पर मिली चुनरी को घर के मंदिर में भगवान की मूर्ति पर न चढ़ाएं। लेकिन, इसे मंदिर में सम्मानपूर्वक जगह दें। ऐसा इसलिए, क्योंकि घर का मंदिर ही सबसे पवित्र और शुद्ध जगह होती है, जहां प्रसाद में मिली चुनरी को रखा जा सकता है।
नई गाड़ी पर जरुर बांधें (Prasad Chunri Received Temple)
अगर आप घर में नया दो पहिया या चार पहिया वाहन लेते हैं, तो उस पर भी मंदिर से प्रसाद के रूप में मिली चुनरी को बांध सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान का आशीर्वाद बना रहता है। (मंदिर में प्रसाद के साथ क्यों मिलता है पवित्र जल?)
पूजा-पाठ में इस्तेमाल (Prasad Chunri Received Temple)
घर में पूजा-पाठ के दौरान भी आप मंदिर से प्रसाद के रूप में मिली चुनरी का इस्तेमाल कर सकती हैं। आप चुनरी या पटके से अपना सिर ढक सकती हैं। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा हमेशा आपके इर्द-गिर्द रहती हैं। अगर चुनरी छोटी है, तो आप उसे बच्चे को भी बांध सकती हैं।
मंदिर में करें दान (Prasad Chunri Received Temple)
अगर आप प्रसाद के रूप में मिली चुनरी का इस्तेमाल नहीं करना चाहती हैं, तो उसे सम्मानपूर्वक घर के पास के किसी मंदिर में दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से प्रसाद का अपमान नहीं होगा।
चुनरी फट जाए तो… (Prasad Chunri Received Temple)
अगर प्रसाद के रूप में मिली चुनरी फट जाती है या इस्तेमाल के लायक नहीं रहती है, तो उसे सम्मान पूर्वक किसी पवित्र स्थान पर रखना उचित हो सकता है। लेकिन, ध्यान रहे कि प्रसाद के रूप में मिली चुनरी को जलाने या जल में विसर्जित करने से बचना चाहिए।