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UP News सीएम योगी और जयंत की मुलाकात के क्या है सियासी मायने ?, सीट बंटवारे को लेकर बन गई बात!

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Khabarwala 24 News Lucknow: UP News उत्तर प्रदेश में सियासी तूफान के शांत होने के बाद अब भाजपा का पूरा फोकस 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव हैं। इस बीच विधानसभा के मानसून सत्र में सीएम योगी का भाषण लगातार सुर्खियां बंटोर रहा हैं। बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने सीएम योगी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद जयंत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन बहुत अच्छा है। हम सभी लोग साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

मुलाकात के क्या हैं सियासी मायने (UP News)

कांवड़ यात्रा के नियमों को लेकर उठे विवाद के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी। आपको बता दें कि जयंत चौधरी ने भी कांवड़ यात्रा में नेमप्लेट को लेकर बड़ा बयान दिया था। जिसके बाद से ऐसा लग रहा था कि जयंत चौधरी फैसले से नाराज है और वे पाला भी बदल सकते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इस मुलाकात के क्या है सियासी मायने?

यूपी में दस सीटों पर होने हैं उपचुनाव (UP News)

यूपी में दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इस 10 में से 5 सीटें सपा, 3 बीजेपी और1-1 सीट रालोद और निषाद पार्टी के कब्जे में थी। लोकसभा चुनाव में यूपी के 9 विधायक सांसद बन गए। जबकि सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद उन्होंने सीट छोड़ दी। जयंत चौधरी मीरापुर के साथ-साथ खैर सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। मीरापुर सीट पर तो 2022 में रालोद ने जीत दर्ज की थी। वहीं खैर सीट पर जाट वोट बैंक की अधिकता के कारण रालोद यह सीट बीजेपी से मांग रही है।

रालोद मांग रही 2 सीटें (UP News)

सूत्रों की मानें तो बीजेपी रालोद को मीरापुर की जगह पर कुंदरकी सीट दे सकती हैं। हालांकि इसके लिए जयंत चौधरी का खेमा कितना तैयार है? यह देखने वाली बात होगी। जानकारों की मानें तो रालोद मीरापुर सीट कभी नहीं छोड़ेगी। हां वह कुंदरकी या खैर को लेकर समझौता कर सकती है।

उपचुनाव में भाजपा दोहराएगी 2022 का फाॅर्मूला (UP News)

आपको बता दें कि मीरापुर सीट रालोद के चंदन चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। हालांकि बैठक के बाद जयंत चौधरी ने कहा कि उनकी सीएम योगी से सीट बंटवारे को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी के एक सीट के ऑफर पर रालोद खुश नहीं है। क्योंकि शुरू से ही यह मानकर चल रही है कि गठबंधन से पहले जिस सीट पर जिस पार्टी के विधायक थे वह उपचुनाव में भी उसी सीट पर चुनाव लड़ेगा। यानी विधानसभा चुनाव का फाॅर्मूला ही उपचुनाव में लागू होगा।

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