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Chunav Slogans चुनावी रुख बदलने का माद्दा रखते थे चुनावी नारे, अब बदल गया जमाना…

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Khabarwala 24 News Hapur: Chunav Slogans लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। राजनीतिक दल अपने अपने योद्धाओं को चुनावी मैदान में उतारने में जुटी है। देश और प्रदेश में लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा, एक समय वह भी था जब राजनीतिक दलों के नारों मेें आकर्षण रहा करता था। आजादी के बाद से लेकर 90 के दशक तक राजनीतिक दलों के नारे ऐसे हुआ करते थे जो मतदाताओं के दिलों को छू जाते थे।

बदल गई परिस्थिति ( Chunav Slogans)

इसका नतीजा यह होता था कि देश में सत्ता परिवर्तन हो जाता था। फिर चाहे इंदिरा गांधी रही हों या मोरार जी भाई देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी या वीपी सिंह , चुनावी नारों का सहारा लेकर ही ये नेता सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे। हालांकि अब परिस्थितियां बदल गई हैैं। अब चुनावी नारे कहीं खो से गए हैैं और राजनीति क्षेत्रवाद, जातिवाद जैसे मुद्दों पर आकर टिक गई है। चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहने लगा है।

दिलों को छू गया था’गरीबी हटाओ देश बचाओ’ नारा (Chunav Slogans)

आजाद हिंदुस्तान में पहला लोकसभा चुनाव 1951-52 में हुआ, जिसमें पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में सरकार बनी। करीब दो दशक बाद 1971 में लोकसभा चुनाव के पहले उस समय सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में जबरदस्त विवाद हुआ। इसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस में विभाजन हो गया।

उस दौरान देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने नारा दिया ‘गरीबी हटाओ देश बचाओ।’ यह नारा मतदाताओं के दिलों को छू गया और प्रचंड बहुमत के साथ इंदिरा गांधी के नेतृत्व में सरकार बनी। वर्ष 1974में जेपी आंदोलन के चलते कांग्रेस की हुकूमत हिल गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26जून 1975 को देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी।

हवा के रुख को पलट देते थे ये नारे (Chunav Slogans)

बताया जाता है कि जनवरी 1977 में इमरजेंसी खत्म होने के बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई। विपक्षी नेताओं ने इंदिरा के नारे ‘गरीबी हटाओ देश बचाओ’ के उलट नारा दिया ‘इंदिरा हटाओ देश बचाओ।’ कुछ और भी नारे आए।

‘यह देखो इंदिरा का खेल खा गई राशन पी गई तेल’, ‘रोटी रोजी दे न सके जो वह सरकार निकम्मी है जो सरकार निकम्मी है वह सरकार बदलनी है’, ‘खेत गया हदबंदी में बाप गया नसबंदी में।’ यह नारे कांग्र्रेस के लिए घातक हुए और देश में सत्ता परिवर्तन हो गया। कांग्रेस को कुर्सी गंवानी पड़ी और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। हालांकि आंतरिक कलह के कारण यह सरकार 19 माह बाद ही गिर गई।

1980 में कांग्रेस फिर नए तेवर के साथ उतरी (Chunav Slogans)

1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नए तेवर के साथ मैदान में उतरी और पार्टी की ओर से दिल को छू लेने वाला नारा दिया गया ‘जात पर ना पात पर इंदिरा जी की बात पर मुहर लगेगी हाथ पर’, ‘आधी रोटी खाएंगे इंदिरा को वापस लाएंगे।’ यह नारे मतदाताओं को ऐसे भाए कि देश में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में फिर कांग्रेस की सरकार बनी।

लोकसभा चुनाव में सामयिक नारे देने की रही है परंपरा (Chunav Slogans)

लोकसभा चुनाव में राजनीति दलों की तरफ से सामायिक नारे देने की परंपरा रही है। जनसंघ ने 60 के दशक में अपने चुनाव चिह्न दीपक को लेकर नारा दिया ‘हर हाथ को काम हर खेत को पानी, घर-घर दीपक जनसंघ की निशानी।’ इंदिरा के नारे ‘जात पर ना पात पर इंदिराजी बात पर मुहर लगेगी हाथ पर’ को जार्ज फर्नाडिस ने पलट दिया ‘जात पर ना पात पर चीनी मिलेगी सात पर जल्दी पहुंचोगे घाट पर इंदिराजी की बात पर।’

जब तक सूरज चांद रहेगा…पर छा गए राजीव गांधी (Chunav Slogans)

वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नारा दिया ‘जब तक सूरज चांद रहेगा इंदिरा तेरा नाम रहेगा।’ इस नारे के दम पर राजीव गांधी के नेतृत्व में देश में कांग्रेस की सरकार बनी।

बच्चा-बच्चा अटल बिहारी… (Chunav Slogans)

वर्ष 1996 में भारतीय जनता पार्टी ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। उस दौरान पार्टी की ओर से नारा दिया गया ‘उज्ज्वल भविष्य की है तैयारी बच्चा-बच्चा अटल बिहारी’, ‘अंधकार में एक चिंगारी अटल बिहारी-अटल बिहारी।’ इस चुनाव के बाद केंद्र में कुछ दिनों के लिए भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी।

पिछले चुनावों के यह नारे (Chunav Slogans)

– जली झोपड़ी भागे बैल, ये देखों दीपक का खेल

-इंदिरा की बात पर, मोहर लगेगी हाथ पर

-बच्चा बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का

-ना गुंडाराज ना भ्रष्टाचार, अबकी बार भाजपा सरकार

-गुंडागर्दी के ठेकेदार नहीं चाहिए सपा सरकार

-जिनका जलवा कायम है, उसका नाम मुलायम है

-जब तक सूरज चांद रहेगा, इंदिरा तेरा राम रहेगा

भाजपा के पिछले चुनावों के नारे (Chunav Slogans)

-ना कोई शंका ना कोई भूल, फिर एक खिलेगा फूल

-जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे, यूपी में फिर से भगवा लहराएंगे

-सोच ईमानदार, काम दमदार, फिर एक बार भाजपा सरकार

सपा के पिछले चुनावों के नारे (Chunav Slogans)

यूपी का ये जनादेश, आ रहे अखिलेश

बाइस में बाइसिकल

नई हवा है, नई सपा है बड़ों हाथ, युवा का साथ

बसपा के पिछले चुनावों के नारे (Chunav Slogans)

भाईचारा बढ़ाना है, बसपा को लाना है

सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय

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