Khabarwala 24 News New Delhi : Nisha Dahiya in Paris Olympic पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पहलवान निशा दहिया कुश्ती प्रतियोगिता से बाहर हो गई हैं क्योंकि क्वार्टर फाइनल में जिस उत्तर कोरियाई पहलवान से वे हारी थीं, वह सेमीफाइनल में हार गई है इसलिए निशा के लिए कोई रेपचेज राउंड नहीं है। दरअसल, अगर उत्तर कोरिया की पहलवान पाक सोल गम फाइनल में पहुंचती, तो निशा दहिया को रेपचेज नियम के तहत ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलने का मौका मिलता, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
कंधे में खतरनाक चोट लग गई (Nisha Dahiya in Paris Olympic )
इस मैच में एक समय 8-2 की लीड लेकर निशा जीत की ओर बढ़ रही थीं तभी उनके कंधे में खतरनाक चोट लग गई। ऐसे में कोरियाई पहलवान ने मौके का फायदा उठाते हुए जोरदार दांव लगाया और 10-8 की लीड बना ली। इस तरह निशा मैच हार गईं। हार के बाद निशा रोने लगीं, वीडियो भी वायरल हैं। लोग हौंसले की तारीफ कर रहे हैं। बता दें कि वूमेन्स फ्रीस्टाइल 68 किग्रा के क्वार्टर फाइनल में निशा का मुकाबला उत्तर कोरिया की पहलवान पाक सोल गम से था।
शुरू से हावी रहीं निशा (Nisha Dahiya in Paris Olympic)
एशियाई चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता पहलवान निशा ने उत्तर कोरिया की पहलवान के खिलाफ शुरुआती कुछ सेकेंड में ही 4-0 की बढ़त बना ली। उन्होंने इसके बाद तीन मिनट के शुरुआती पीरियड में रक्षात्मक रवैया अपनाकर उत्तर कोरिया की पहलवान को कोई मौका नहीं दिया। सोल गम ने दूसरे पीरियड में आक्रामक शुरुआत कर एक अंक हासिल किया।
कोरियाई खिलाड़ी का दांव (Nisha Dahiya in Paris Olympic)
लेकिन निशा ने उन्हें रिंग से बाहर निकल कर अपनी बढ़त 6-1 कर ली। उन्होंने दो और अंक के साथ अपनी बढ़त मजबूत की लेकिन इस दौरान उनका दाहिना हाथ गंभीर रूप से चोटिल हो गया। अभी मुकाबले में एक मिनट बचा था और निशा दर्द से कराहने लगी थीं। उन्होंने इलाज के बाद खेल शुरू किया, लेकिन उत्तर कोरिया की पहलवान को रोकने में सफल नहीं रहीं। वह नम आंखों के साथ मैट से नीचे उतरीं।
विजयी शुरुआत की थी (Nisha Dahiya in Paris Olympic)
इससे पहले 25 साल की इस पहलवान ने अंतिम 16 के मैच में यूक्रेन की तेतियाना सोवा के खिलाफ विजयी शुरुआत की थी। निशा ने यूक्रेन की पहलवान को 6-4 से हराया। निशा शुरुआत में तेतियाना से पिछड़ रही थीं, लेकिन उन्होंने 4-4 से बराबरी करने के बाद आखिरी कुछ सेकेंड में तेतियाना को मैट से बाहर निकाल कर दो अंक हासिल कर जीत दर्ज की।
रेपचेज प्रणाली क्या है (Nisha Dahiya in Paris Olympic)
रेपचेज शब्द फ्रांसीसी शब्द रेपेचर से लिया गया है, जिसका अर्थ है बचाव करना। कुश्ती की स्पर्धाओं में रेपचेज ऐसी प्रणाली है, जो शुरुआती दौर में हारने वाले पहलवानों को वापसी का मौका देता है। कुश्ती में एक प्रतिभागी जो प्री-क्वार्टर फाइनल या बाद के राउंड में हार गया हो, उसे आगे प्रतिस्पर्धा करने और कांस्य पदक के लिए मुकाबला करने का एक और मौका मिलता है।
रैंकिंग के मुताबिक नहीं (Nisha Dahiya in Paris Olympic)
हालांकि इसकी अनुमति केवल तभी दी जाती है, जब वे जिस पहलवान से हारे हैं। उसने फाइनल में जगह बनाई हो। इसे सरल शब्दों में कहें तो फाइनल में पहुंचने वाले दो पहलवानों ने जिन खिलाड़ियों को नॉकआउट दौर में हराया है। उन खिलाड़यों को रेपचेज राउंड के जरिए कांस्य पदक जीतने का मौका मिलता है। कुश्ती में अन्य खेलों की तरह पहलवानों के बीच मुकाबले का ड्रॉ उनकी रैंकिंग के मुताबिक नहीं होता है।
कुश्ती इवेंट में पहली बार (Nisha Dahiya in Paris Olympic)
टेनिस जैसे खेल में कभी दो टॉप रैंकिंग प्लेयर शुरुआती राउंड में आपस में नहीं भिड़ते लेकिन कुश्ती में बहुत मौकों पर दो टॉप रैंक प्लेयर का शुरुआती रांउड में मुकाबला हो जाता है इसीलिए कुश्ती में रेपचेज नियम को लागू किया जाता है, ताकि खिलाड़ियों के साथ अन्याय न हो। ओलंपिक के कुश्ती इवेंट्स में पहली बार इसका बीजिंग ओलंपिक (2008) में किया गया था।