Khabarwala24 Who is Bhushan Verma: राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला परिसर में 3 सितंबर 2025 को एक ऐसी घटना हुई, जिसने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया। जैन धार्मिक आयोजन के दौरान एक करोड़ रुपये की कीमत वाला स्वर्ण कलश चोरी हो गया। यह चोरी कोई और नहीं, बल्कि भूषण वर्मा नाम का शातिर चोर लेकर भागा, जो जैन मुनि के भेष में आयोजन में शामिल हुआ था।
पुलिस ने 5 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद हापुड़ के वैशाली कॉलोनी से भूषण वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। इस सनसनीखेज मामले ने न केवल जैन समुदाय, बल्कि पूरे देश का ध्यान खींचा है। आइए जानते हैं कि आखिर भूषण वर्मा कौन है और उसने इस चोरी को कैसे अंजाम दिया।
जैन अनुष्ठान में चोरी की वारदात
लाल किला के ठीक सामने 15 अगस्त पार्क में 28 अगस्त से 9 सितंबर तक जैन समाज का एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान चल रहा था। इस आयोजन के लिए खास मंच तैयार किया गया था, जहां धोती और अंग वस्त्र पहनना अनिवार्य था। इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे थे। इसी बीच, 3 सितंबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं। व्यापारी सुधीर जैन ने इस पूजन के लिए 1.5 करोड़ रुपये के दो स्वर्ण कलश लाए थे। एक कलश पर 760 ग्राम सोने का नारियल जड़ा था, जबकि दूसरा कलश हीरे, पन्ने और माणिक से सजा हुआ था।
इन बेशकीमती कलशों को एक बैग में रखकर किचन एरिया में रखा गया था। तभी जैन मुनि के भेष में भूषण वर्मा वहां पहुंचा और मौका देखते ही बैग लेकर फरार हो गया। इस चोरी की घटना ने आयोजकों को सकते में डाल दिया। सीसीटीवी फुटेज में भूषण वर्मा की हरकतें साफ कैद हो गईं, जिसकी मदद से पुलिस ने उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल की।
दिल्ली : लाल किला परिसर से एक करोड़ रुपए कीमत का कलश चुराने वाला गिरफ्तार। आरोपी का नाम भूषण वर्मा बताया जा रहा। हापुड़, यूपी से गिरफ्तारी हुई है।#Delhi #Hapur #HapurNews #RedFort #DelhiRedFort #DelhiPolice pic.twitter.com/DB1KwzudZJ
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भूषण वर्मा: शातिर चोर की असलियत
भूषण वर्मा उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले की वैशाली कॉलोनी का रहने वाला है। वह पहले श्रीनगर इलाके में रहता था। पुलिस जांच में पता चला कि भूषण एक पेशेवर चोर है, जो पहले भी कई बार कलश चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। उसने दिल्ली के लाल मंदिर और अशोक विहार के मंदिरों से भी कीमती कलश चुराए थे। भूषण के खिलाफ पहले से ही 5 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पेशे से वह कार ड्राइवर है और अपने परिवार के साथ 60 गज के मकान में रहता है।
भूषण की चालाकी का आलम यह था कि वह कई दिनों से इस जैन अनुष्ठान में शामिल हो रहा था। वह धोती और अंग वस्त्र पहनकर लोगों के बीच घुलमिल गया था। इससे उसे आयोजन की पूरी जानकारी मिल गई और उसने मौका देखकर चोरी को अंजाम दिया।
पुलिस की कार्रवाई: कैसे पकड़ा गया भूषण?
दिल्ली पुलिस ने इस चोरी के बाद तुरंत हरकत में आते हुए क्राइम ब्रांच की कई टीमें बनाईं। सीसीटीवी फुटेज की मदद से भूषण वर्मा की पहचान की गई। पुलिस ने 100 किलोमीटर दूर हापुड़ में छापेमारी शुरू की। भूषण के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने के बाद पुलिस रविवार रात को हापुड़ पहुंची। थाना देहात पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की और भूषण को वैशाली कॉलोनी में उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने भूषण के घर से 1 करोड़ रुपये का स्वर्ण कलश बरामद कर लिया, लेकिन दो अन्य कलश अभी भी बरामद होने बाकी हैं। पुलिस भूषण से पूछताछ कर रही है ताकि बाकी फरार आरोपियों का पता लगाया जा सके।
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भूषण का परिवार और पड़ोसियों का हाल
भूषण वर्मा अपने पत्नी और तीन बच्चों (दो बेटियां और एक बेटा) के साथ रहता है। उसकी गिरफ्तारी के बाद मोहल्ले में हड़कंप मच गया। पड़ोसियों का कहना है कि भूषण बहुत कम लोगों से बात करता था और ज्यादातर अपने घर में ही रहता था। उसके बच्चे भी बाहर कम ही निकलते थे। इस खुलासे के बाद पड़ोसी हैरान हैं कि इतना शातिर अपराधी उनके बीच रह रहा था और किसी को भनक तक नहीं थी।
भूषण की गिरफ्तारी के बाद उसकी दोनों बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस और लोगों की भीड़ देखकर दोनों बेटियां डर गईं और खुद को कमरे में बंद कर लिया। बाद में पुलिस ने उन्हें समझाया और एक पड़ोसी महिला के घर छोड़ दिया।
जैन अनुष्ठान: क्या है खास?
जैन समाज का यह अनुष्ठान 28 अगस्त से शुरू हुआ और 9 सितंबर तक चलेगा। इस आयोजन में देशभर से जैन समुदाय के लोग शामिल हो रहे हैं। लाल किला के सामने 15 अगस्त पार्क में विशेष मंच बनाया गया है, जहां धोती और अंग वस्त्र पहनकर ही प्रवेश की अनुमति है। इस आयोजन में कीमती स्वर्ण कलश पूजन के लिए लाए गए थे, जिनकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये थी। इनमें से एक कलश पर 760 ग्राम सोना और दूसरा हीरे, पन्ने और माणिक से जड़ा था।
ओम बिरला के स्वागत में व्यस्त थे आयोजक
3 सितंबर को जब यह चोरी हुई, उस वक्त आयोजक लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के स्वागत की तैयारियों में व्यस्त थे। इसी बीच भूषण ने मौके का फायदा उठाया और स्वर्ण कलश से भरा बैग लेकर फरार हो गया। इस घटना ने न केवल आयोजकों, बल्कि पूरे जैन समुदाय को झकझोर दिया।
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पुलिस की आगे की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस और हापुड़ पुलिस अब इस मामले में बाकी फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। भूषण वर्मा से पूछताछ में कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या भूषण ने इस चोरी को अकेले अंजाम दिया या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है। बाकी दो कलशों की बरामदगी के लिए पुलिस अलग-अलग शहरों में छापेमारी कर रही है।
शातिर चोर की कहानी
भूषण वर्मा की इस चोरी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराधी कितनी चालाकी से वारदात को अंजाम दे सकते हैं। जैन मुनि का भेष धरकर उसने न केवल लाल किला जैसे हाई-सिक्योरिटी वाले इलाके में चोरी की, बल्कि लोगों के बीच इतनी आसानी से घुलमिल गया कि किसी को शक तक नहीं हुआ। हालांकि, सीसीटीवी और पुलिस की तत्परता ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। यह मामला न केवल जैन समुदाय, बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है कि धार्मिक आयोजनों में भी सतर्कता बरतनी जरूरी है।
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