Khabarwala 24 News New Delhi: baba balaknath राजस्थान में भाजपा को विधानसभा चुनाव में शानदार जीत मिली है। इसको लेकर भगवा दल उत्साहित है। मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसको लेकर पार्टी में मंथन किया जा रहा है। एेसे में राजस्थान में क्या योगी आदित्यनाथ पार्ट टू हो सकता है। क्या योगी आदित्यनाथ के चेले बाबा बालकनाथ (baba balaknath )को यूपी के पड़ोसी राज्य राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
कुछ कह रहे हैं कि अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ को जब अलवर की तिजारा विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया तभी तय हो गया था कि राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। बाबा बालकनाथ मुख्यमंत्री होंगे या उप मुख्यमंत्री होंगे यह तो सिर्फ पीएम मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता ही जानते हैं, लेकिन बाबा आजकल खूब चर्चा में हैं।
गुरु योगी आदित्यनाथ के बाद क्या चेले baba balaknath भी बनेंगे मुख्यमंत्री…
बाबा गोरखनाथ का नाथ संप्रदाय की गोरखपुर पीठ या गद्दी के जिस तरह से योगी आदित्यनाथ महंत है । उसी तरह रोहतक पीठ या गद्दी के महंत बाबा बालकनाथ (baba balaknath )हैं। बताया जाता है कि उनके गुरु बाबा चांदनाथ की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ के कहने पर ही रोहतक पीठ का महंत बनाया गया था। भाजपा ने बाबा बालकनाथ समेत पांच धर्मगुरुओं को इस बार चुनाव मैदान में उतारा था। पांचों जीते लेकिन सबसे ज्यादा हॉट सीट तिजारा ही रही जहां खुद योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के लिए आए और यूपी से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी भेजे। पूरे राजस्थान में बीजेपी की ध्रुवीकरण नीति को फैलाने और कामयाब बनाने में बाबा बालकनाथ के बयानों की बड़ी भूमिका रही। अब कहा जा रहा है कि अगर भाजपा आलाकमान ने इस नीति का लोकसभा चुनाव में भी विस्तार करने का फैसला किया तो बाबा बालकनाथ मुख्यमंत्री के रुप में चौंकाने वाला नाम हो सकता है।
baba balaknath का डबल असर
बताया जा रहा है कि बाबा बालक नाथ (baba balaknath )को राजस्थान की कमान सौंपी गयी तो उसका डबल फायदा मिल सकता है।बताया जा रहा है कि बाबा बालक नाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तो हरियाणा में भी बीजेपी चुनावी लाभ उठा सकती है जहां के रोहतक में नाथ संप्रदाय के 150 से ज्यादा शिक्षण संस्थाएं हैं। इंजीनियरिंग से लेकर मेडिकल कॉलेज तक। वैसे भी बीजेपी हरियाणा में गैर जाट समुदायों को एक करने में लगी है। ऐसे में साधन संपन्न यादव जाति के बाबा बालकनाथ सटीक बैठते हैं।
baba balaknath के साथ ओबीसी कार्ड
बाबा बालक नाथ यादव (baba balaknath )हैं यानी ओबीसी हैं। कांग्रेस ओबीसी कार्ड की सियासत कर रही है। सरकार ओबीसी की जातीय जनगणना के मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। मोदी हिंदुत्व में ओबीसी कार्ड की काट देख रहे हैं। ऐसे में क्या बाबा बालक नाथ को मुख्यमंत्री बनाकर हिंदुत्व के साथ साथ ओबीसी कार्ड भी खेला जा सकता है। यह अपने एक दिलचस्प सवाल है?
बारहवीं पास हैं baba balaknath
बाबा बालक नाथ (baba balaknath )के गुरु चांदनाथ तो स्नातक थे लेकिन बाबा बालक नाथ बारहवीं पास हैं। पहली बार 2019 में वह अलवर के सांसद बने थे। यह उनका पहला ही चुनाव था। यानी वह राजनीति में ज्यादा अनुभवी नहीं हैं। सरकार चलाने या मंत्रालय संभालने का कोई अनुभव नहीं है। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि क्या चालीस साल के बाबा को मुख्यमंत्री बनाने पर भाजपा आलाकमान राजी होगा।
बाबा पड़ेंगे वसुंधरा पर भारी (baba balaknath)
जानकारों की माने तो लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए ऐसे में वसुंधरा राजे की दावेदारी को नकार कर बाबा को गद्दी सौंपना भारी पड़ सकता है। इसके अलावा दलित कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी दौड़ में हैं। कुछ का कहना है कि आपसी खींचतान के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का नंबर भी लग सकता है जो सबको साथ लेकर चलने की नीति में यकीन रखते हैं। कुल मिलाकर यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा में बाबा युग विस्तार लेगा। अब तो यह समय ही बताएगा कि राजस्थान में किसके सिर पर मुख्यमंत्री का ताज सजता है।
