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विजय रुपाणी: 1206 नंबर से अहमदाबाद विमान हादसे तक की कहानी

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Khabarwala 24 News : गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) का नाम सुनते ही एक सादगी भरा चेहरा और मेहनती शख्सियत की तस्वीर आंखों के सामने आती है। लेकिन उनके लिए एक नंबर, 1206, सिर्फ अंक नहीं था। ये उनकी जिंदगी का वो ताबीज था, जो उनके हर कदम पर साथ रहा। उनकी स्कूटर से लेकर मुख्यमंत्री की गाड़ी तक, हर वाहन की नंबर प्लेट पर 1206 लिखा था। उनका मोबाइल नंबर भी 1206 पर खत्म होता था। लेकिन किस्मत का खेल देखिए, यही नंबर उनकी जिंदगी के आखिरी पल में भी सामने आया। 12 जून 2025 को एक दर्दनाक हादसे में उनकी जिंदगी का सफर थम गया।

Vijay Rupani 1206: एक नंबर, हजारों यादें

विजय भाई, जैसा कि लोग प्यार से उन्हें बुलाते थे, के लिए 1206 कोई साधारण नंबर नहीं था। ये उनकी गुड लक चार्म थी। चाहे वो राजकोट में उनकी जवानी के दिन हों, जब वो स्कूटर पर घूमा करते थे, या फिर गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी आलीशान गाड़ी, हर गाड़ी की नंबर प्लेट पर 1206 ही चमकता था। इतना ही नहीं, उनका पहला वाहन भी इसी नंबर का था। उनके करीबी बताते हैं कि वो इस नंबर को अपनी तरक्की और कामयाबी का प्रतीक मानते थे।

लेकिन ये नंबर सिर्फ गाड़ियों तक सीमित नहीं था। उनका मोबाइल नंबर भी 1206 पर खत्म होता था। ये नंबर उनकी जिंदगी में इतना खास था कि वो इसे हर जगह अपने साथ रखते थे। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। 12/06/2025 को यही नंबर उनकी जिंदगी का आखिरी दिन बन गया।

Vijay rupani scooty car number 1206 rajkot
Vijay rupani scooty car number 1206 rajkot

अहमदाबाद विमान हादसा जो दिल दहला गया

12 जून 2025 का दिन गुजरात के लिए एक काला दिन बन गया। एयर इंडिया फ्लाइट AI171 (Air India Flight AI171), जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई। इस हादसे में 242 लोग सवार थे, जिनमें 232 यात्री और 10 क्रू मेंबर शामिल थे। विमान मेघानी नगर इलाके में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल कॉम्प्लेक्स में जा गिरा।

विजय रुपाणी (Vijay Rupani) इस फ्लाइट में सीट 2D पर बैठे थे। वो अपनी पत्नी और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। लेकिन उनकी ये आखिरी यात्रा बन गई। हादसे में विमान के मलबे में आग लग गई, और मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल का डाइनिंग हॉल पूरी तरह तबाह हो गया। वहां बिखरे हुए खाने की थालियां और मलबा इस हादसे की भयावहता बयां कर रहे थे।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने पुष्टि की कि विजय रुपाणी (Vijay Rupani) इस हादसे के शिकार हुए। गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने भी इस दुखद खबर पर शोक जताया। उन्होंने कहा, “हमारे नेता और पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) अपनी फैमिली से मिलने लंदन जा रहे थे। ये हादसा बीजेपी के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। उनकी आत्मा को शांति मिले।”

विजय रुपाणी का राजकोट से म्यांमार तक का सफर

विजय रुपाणी (Vijay Rupani) का जन्म 1956 में बर्मा (अब यांगून, म्यांमार) में हुआ था। 1960 के दशक में सियासी अस्थिरता की वजह से उनका परिवार राजकोट, गुजरात आ गया। म्यांमार में वो टीक लकड़ी के व्यापार में काफी कामयाब रहे। लेकिन राजकोट में भी उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से नई ऊंचाइयां छुईं।

राजकोट में उन्होंने अपने सियासी करियर की शुरुआत एक स्टूडेंट एक्टिविस्ट के तौर पर की। 1987 में वो राजकोट म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के कॉरपोरेटर बने। इसके बाद वो ट्रांसपोर्ट, वॉटर सप्लाई और लेबर जैसे कई मंत्रालयों में काम कर चुके थे। अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक वो गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री रहे।

बीजेपी के लिए एक बड़ा नुकसान

2021 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, ताकि भूपेंद्र पटेल को मौका मिल सके। ये बीजेपी की रणनीति का हिस्सा था। लेकिन इस्तीफे के बाद भी वो पार्टी के लिए सक्रिय रहे। वो गुजरात यूनिट में सीनियर एडवाइजर की भूमिका में थे और सियासी मामलों में उनकी राय अहम मानी जाती थी।

उनके निधन से बीजेपी को गहरा झटका लगा है। उनके राजकोट के घर के बाहर खड़ी गाड़ियां, जिनकी नंबर प्लेट पर आज भी 1206 लिखा है, उनकी यादों को ताजा कर रही हैं। उनके दोस्त और परिवार वाले इस नंबर की ट्रैजिक विडंबना को देखकर हैरान हैं।

1206: अब एक दर्द भरी याद

विजय रुपाणी (Vijay Rupani) की जिंदगी का हर पहलू 1206 से जुड़ा था। ये नंबर उनकी कामयाबी का प्रतीक था। लेकिन अब ये नंबर उनके चाहने वालों के लिए एक दर्द भरी याद बन गया है। उनकी सादगी, मेहनत और लगन को गुजरात हमेशा याद रखेगा। विजय भाई, आप जहां भी हों, आपकी आत्मा को शांति मिले। गुजरात और बीजेपी के लिए आपका योगदान कभी भुलाया नहीं जाएगा।

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