Khabarwala24 News Toll Tax: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स वसूली को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। अब कोई भी कंपनी 60 किलोमीटर से पहले टोल प्लाजा नहीं बना सकेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 22 अगस्त 2025 को इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों का मकसद सड़क यात्रियों को अनावश्यक टोल शुल्क से बचाना और टोल प्लाजा के निर्माण में पारदर्शिता लाना है।
60 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य
नए नियमों के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 के नियम 8(1) और 8(2) का सख्ती से पालन होगा। इसका मतलब है कि किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो टोल प्लाजाओं के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी होनी जरूरी है। इससे कम दूरी पर टोल टैक्स वसूलना गैरकानूनी होगा। इसके अलावा, नगर निगम की सीमा से 10 किलोमीटर की दूरी के बाद ही टोल प्लाजा बनाया जा सकेगा। इन नियमों से सड़क यात्रियों को राहत मिलेगी और बार-बार टोल देने की परेशानी कम होगी।
टोल प्लाजा के लिए सख्त नियम (Toll Tax Rule)
सड़क परिवहन मंत्रालय ने बताया कि कई कंपनियां 60 किलोमीटर और 10 किलोमीटर के नियम में छूट मांग रही थीं। अब इस तरह की छूट के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। नई राजमार्ग परियोजनाओं में टोल प्लाजा के स्थान का पहले से उल्लेख करना होगा। बिना इसके तकनीकी मंजूरी नहीं मिलेगी। साथ ही, स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी (एसएफसी), पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप अप्रेजल कमेटी (पीपीपीएसी), और पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) की बैठकों में टोल प्लाजा का विवरण अनिवार्य रूप से शामिल करना होगा।
विशेष छूट के लिए उच्च स्तरीय मंजूरी
अगर किसी विशेष मामले में 60 किलोमीटर के नियम से छूट चाहिए, तो इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री या आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति से लिखित मंजूरी लेनी होगी। इस मंजूरी की कॉपी भी प्रस्ताव के साथ देनी होगी। इससे टोल प्लाजा के निर्माण और टैक्स वसूली में पारदर्शिता बढ़ेगी।
जनता को मिलेगी राहत
ये नए नियम सड़क यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएंगे। अब कम दूरी पर बार-बार टोल देने की मजबूरी खत्म होगी। सरकार का यह कदम न केवल यात्रियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास में भी पारदर्शिता लाएगा।
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