पुणे, 18 दिसंबर (khabarwala24)। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे किसी भी कीमत पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर विश्वास न करें। मौजूदा समय में ये दोनों ही राजनीतिक लाभ अर्जित करने के लिए मकसद से एक साथ आने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अगर दोनों भाइयों के मुस्लिम समुदाय के रुख का अध्ययन किया जाए, तो यह साफ जाहिर हो जाता है कि ये भरोसे के लायक नहीं हैं।
उन्होंने गुरुवार को समाचार एजेंसी khabarwala24 से बातचीत में कहा कि राज ठाकरे ने हमेशा ही मुस्लिम समुदाय को दोयम दर्जे का समझा और उन पर अत्याचार किए। 2014 में रमजान के महीने में राज ठाकरे ने एक मुस्लिम युवक के मुंह पर जबरन खाना ठूंसा था और हद तो तब हो गई थी जब शिवसेना (यूबीटी) ने इस मामले को उचित ठहराने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से गणित में शून्य को किसी भी संख्या के साथ गुणा करो, तो उसका परिणाम हमेशा शून्य ही रहता है, आज की तारीख में राज ठाकरे की भी स्थिति कुछ वैसी ही हो चुकी है। राज ठाकरे राज्य में किसी भी दल के साथ चले जाएं, उनका कहीं भी भला होने वाला नहीं है। उन्हें किसी भी प्रकार का राजनीतिक लाभ प्राप्त होने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात की खुद तस्कीद करता है कि किस तरह से इस शिवसेना ने हमेशा से ही मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित किया। ये वही शिवसेना है, जिसने यह कहा था कि हमने सिर्फ 10 मिनट के अंदर बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। इतना ही नहीं, ये वही लोग हैं, जिन्होंने यहां तक मांग की थी कि मुस्लिम समुदाय से मतदान का अधिकार छीन लेना चाहिए।
हम नहीं भूल सकते हैं कि किस तरह से राज ठाकरे ने कोरोना काल में कहा था कि मुस्लिमों को गोली मार देनी चाहिए। इन्हें उपचार की भी सुविधा नहीं मिलनी चाहिए और आज की तारीख में स्थिति ऐसी बन चुकी है कि ये लोग बीएमसी चुनाव में मुस्लिम समुदाय का सहारा लेकर राजनीतिक लाभ अर्जित करना चाहते हैं।
तहसीन पूनावाला ने महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय से अपील की कि आप लोग किसी भी कीमत पर राज ठाकरे पर भरोसा मत करना। अगर आप लोगों को वोट देना है, तो इंडिया गठबंधन को दो, लेकिन शिवसेना (यूबीटी) या राज ठाकरे को मत दो। ये लोग मुस्लिम समुदाय से वोट लेने के लायक नहीं हैं। मैं एक बात दावे के साथ कहता हूं कि अगर कल को केंद्रीय कैबिनेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके बच्चों को जगह दें, तो ये लोग वहां पर भी चले जाएंगे। ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र के मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बेहतर रहेगा कि वे इन लोगों पर भरोसा बिल्कुल भी नहीं करें। ये लोग सिर्फ अपने सियासी फायदे के लिए मुस्लिम समुदाय का इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इन दोनों भाइयों के मन में मुस्लिम समुदाय के लिए कोई भी प्रेम नहीं है। ये दोनों ही अवसरवादी नेता हैं, जिन्हें मुस्लिम समुदाय के हितों से कोई लेना देना नहीं है। ये सिर्फ इसी अवसर की तलाश में रहते हैं कि कैसे और कहां से मुझे राजनीतिक लाभ प्राप्त हो।
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