Monday, June 9, 2025

Senior Citizen Business 60 साल की मधु प्रकाश ‘फूलो-फलो’ नाम से एक सफल बिज़नेस चला रही हैं, जिससे देशभर की 20 बुजुर्ग महिलाएं भी जुड़ी हैं

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Khabarwala 24 News New Delhi : Senior Citizen Business अगर आपको भी ऐसा लगता है कि 60 की उम्र सिर्फ रिटायर होकर आराम करने के लिए है तो शायद आप गलत हैं। अगर दिल में जज़्बा हो तो अपना सपना इंसान किसी भी उम्र में पूरा कर सकता है। इसका सच्चा उदाहरण हैं, मेरठ की 60 साल की बुजुर्ग मधु प्रकाश। जिन्होंने उम्र के इस पड़ाव में न सिर्फ खुद का बिज़नेस शुरू किया बल्कि 50 से 70 साल की 20 और महिलाओं को भी रोजगार मुहैया करवा रही हैं। जी हाँ, मधु प्रकाश अपनी भतीजी सुगंधा के साथ मिलकर ‘फूलो-फलो’ नाम से एक बिज़नेस चलाती हैं। जिसमें वह घर के बने मसाले, आचार, मुखवास आदि बेचती हैं। उनका यह बिज़नेस साल 2021 में शुरू हुआ। जब उनकी भतीजी ने अपनी नौकरी छोड़कर खुद का बिज़नेस करने का फैसला किया। दरअसल, सुगंधा भी हमेशा से नौकरी के बजाय खुद का बिज़नेस करना चाहती थीं। साथ ही वह चाहती थीं कि कुछ ऐसा काम करें जिससे उनके साथ दूसरों की भी मदद हो सके।

बुजुर्ग महिलाओं के बनाए प्रोडक्ट्स बेचता है फूलो-फलो (Senior Citizen Business)

इसी दौरान जब वह घर आईं तो उनकी बुआ के हुनर को देखकर उन्हें एहसास हुआ कि क्यों न इसे आगे बढ़ाने में उनकी मदद की जाए। मधु प्रकाश एक बिज़नेस परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके दादा एक वैद्य हुआ करते थे, जो घर से ही मसाले और दवाइयां कूट कर तैयार करते थे। वहीं उनकी दादी कईयों के लिए आचार, मुखवास आदि बनाया करती थीं और मधु यह सब देखकर ही बड़ी हुई हैं।

सिर्फ चार प्रोडक्ट्स के साथ इस काम की शुरुआत की (Senior Citizen Business)

उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि बचपन में मिली यह सीख उम्र के किसी पड़ाव में काम आएगी। मधु के पति कैंसर से लड़ रहे थे, ऐसे में उनका ज्यादातर समय पति की देखभाल में गुजरता था। लेकिन सुगंधा ने बुआ के जीवन को एक नया उदेश्य देने के लिए उन्हें होम मेड प्रोडक्ट्स बनाने को कहा। इस तरह सिर्फ चार प्रोडक्ट्स के साथ उन्होंने घर से इस काम की शुरुआत कर दी।

प्रदर्शनियों के ज़रिए अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग की (Senior Citizen Business)

सुगंधा ने सोशल मीडिया और अलग-अलग जगहों पर लगने वाली प्रदर्शनियों के ज़रिए अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करना शुरू किया। साथ ही वह चाहती थीं कि उनकी बुआ की तरह ही और भी बुजुर्ग महिलाएं अपने-अपने हाथों से बनाएं प्रोडक्ट्स को फूलों फलों के साथ बेचें। इसलिए उन्होंने दूसरी महिलाओं को भी अपनी टीम में जोड़ना शुरू किया, जो पहले अपने प्रोडक्ट्स आस-पास के लोगों तक ही पहुंचा पा रही थीं। इस तरह से बुआ-भतीजी की पहल, आज 20 महिलाओं की टीम में बदल गई है। जो मिलकर 40 से ज्यादा प्रोडक्ट्स देशभर में बेच रहे हैं।

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